सेंट मेरी स्कूल में बच्चों ने दिखाई राह
दातारपुर,(एसपी शर्मा): ऐसे में जब कि विभिन्न प्रकार के नशों के मकडज़ाल में युवा फंसते जा रहे हैं, और मेडिकल नशा युवा पीढ़ी को लगातार अपनी चपेट में लेकर उसे कई तरह से बीमार कर रहा है। सेंट मेरी स्कूल भटोली में विद्यार्थियों ने नशा नहीं करने की शपथ लेते हुए संकल्प लिया। एमडी महेश शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि शराब, सिगरेट, तंबाकू एवं ड्रग्स जैसे जहरीले पदार्थों का सेवन कर युवा पीढ़ी का एक बड़ा हिस्सा नशे का शिकार हो रहा है। आज छोटी-छोटी आयु के बच्चे भी नशे की चपेट में आ चुके हैं, जोकि बहुत ही चिंताजनक बात है। उन्होंने कहा कि लोग सोचते हैं कि वो बच्चे कैसे नशा कर सकते हैं। जिनके पास खाने को भी पैसा नही होता है परंतु नशा करने के लिए सिर्फ मादक पदार्थों की ही जरूरत नहीं होती बल्कि व्हाइटनर, नेल पॉलिश, पैट्रोल आदि की गंध, भांग, चरस आदि का सेवन करना कुछ इस प्रकार के नशे भी किए जाते हैं जोकि बेहद ख़तरनाक होते हैं। उन्होंने कहा कि नशे की लत ने इंसान को उस स्तर तक लाकर खड़ा कर दिया है कि अब व्यक्ति मादक पदार्थों के सेवन के लिए किसी भी हद तक जा सकता है। वह नशे के लिए चोरी अथवा कोई भी जुर्म कर सकता है। उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन में तनाव, प्रेम संबंध, दांपत्य जीवन व तलाक आदि कारण, महिलाओं में नशे की बढ़ती आदत के लिए जिम्मेदार है। प्रिंसिपल पूजा शर्मा ने कहा कि यह जरूरी नहीं कि नशा सिर्फ मादक पदार्थों को सेवन करके ही किया जाए, नशा और भी कई प्रकार का हो सकता है। उन्होंने कहा कि शोधकर्ताओं के अनुसार जिसकी आपको लत लग जाए वह नशे की श्रेणी में आता है। जैसे चाय, काफी, वीडियो गेम, स्मार्टफोन, फेसबुक आदि का ज्यादा इस्तेमाल भी नशे की श्रेणी में आता है। पूजा शर्मा ने बताय कि मादक पदार्थों के सेवन से सबसे बड़ी हानि सेहत की हानि है। इससे शरीर के कई हिस्सों पर एक साथ विपरीत असर पड़ता है और दिमाग को भी चपेट में ले लेता है। ईंसान हमेशा मानसिक तनाव से ग्रस्त रहता है और वह आर्थिक मानसिक और शारीरिक रूप से कमजोर होता है। नशा करने वाला अपने परिवार समाज से कट जाता है। उन्होंने कहा कि ऐसे समय में ज़रूरत है कि न तो हम नशा करें और दूसरे लोगों को भी इसके बुरे प्रभावों के लिए जागरूक करें ताकि सभी स्वस्थ रहें और स्वस्थ समाज के निर्माण में अपना योगदान दे सकें।