पंजाब सरकार परंपरागत खेल को जीवित रखने के लिए प्रयत्नशील: बलकार सिंह
मंत्री ने टांडा के गांव झांवा में आयोजित बैलगाड़ी दौड़ प्रतियोगिता में बतौर मुख्यातिथि की शिरकत
टांडा,(राकेश राणा): पंजाब के स्थानीय निकाय मंत्री बलकार सिंह ने गांव झांवा में स.महिंदर सिंह खूह वालों की याद में करवाए गई बैलगाड़ी दौड़ की करवाई गई प्रतियोगिता में बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। इलाका वासियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि बैलों की दौड़ प्रतियोगिता एक परंपरागत खेल है और यह परंपरा वर्षों से चली आ रही हैं। बैलगाड़ी दौड़ एक सांस्कृतिक गतिविधि है और इस दौड़ के माध्यम से किसान अपने बैलों की क्षमता का प्रदर्शन करते हैं। इस दौरान उनके साथ विधायक उड़मुड़ जसवीर सिंह राजा गिल, चेयरमैन नगर सुधार ट्रस्ट हरमीत सिंह औलख, एस.डी.एम टांडा व्योम भारद्वाज भी मौजूद थे। उन्होंने बैल गाड़ी दौड़ प्रतियोगिता के विजेताओं को सम्मानित भी किया। मंत्री ने कहा कि बैलगाड़ी दौड़ और पंजाब के किसानों के बीच एक अटूट रिश्ता है। किसानों का यह रोमांचक खेल जीवित रहना चाहिए क्योंकि ऐसी प्रतियोगिताओं से जहां ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होती है। वहीं किए गए प्रयासों से संतुष्टि भी मिलती है। ऐसे आयोजन से गोवंश पालने की पुरानी परंपरा को बढ़ावा मिलेगा और युवा पीढ़ी में गोवंश के प्रति लगाव पैदा होगा।
बलकार सिंह ने कहा कि बैलगाड़ी दौड़ आज लगभग विलुप्त होने की कगार पर है क्योंकि अब लगभग खेत में काम करने के लिए बैलों का प्रयोग करने का चलन समाप्त हो गया है और अधिकतर किसान अपने खेती के लिए अब ट्रैक्टर व नए आधुनिक साधनों के माध्यम से खेती कर रहे हैं। ऐसे में लोगों ने अब गाय व अन्य जानवर पालने कम कर दिए हैं। हालांकि जो लोग इस प्रतियोगिता के शौकिन है, वे अभी भी बैलों को अपने बच्चों की तरह पालते हैं और विशेष रुप से इस प्रतियोगिता के लिए उन्हें तैयार करते हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार भी अपनी ऐसी पुरानी परंपरागत खेल को जीवित रखने के लिए प्रयत्नशील है। इस मौके पर इंद्रजीत सिंह झावर, कुलवंत सिंह गिल, सर्बजीत सिंह, अमरजीत सिंह, जतिंदर सिंह, सुरजीत सिंह, राजविंदर तलवंडी, बूटा, अमरपाल के अलावा अन्य गणमान्य भी मौजूद थे।