श्रीराम का चरित्र अनुकरणीय उदाहरण : प्रमोद योगी
बोले, आज हजारों साल बाद भी लोग मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के मानते हैं अपना आदर्श
दातारपुर,(एसपी शर्मा): श्री व्योमकेशा इंटरनेशनल स्कूल झीर दा खूह में बच्चों को स्कूल के एमडी प्रमोद योगी ने मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के चरित्र को अपने चरित्र में आत्मसात करने की प्रेरणा दी। योगी ने कहा कि श्रीराम सुबह जगते ही सबसे पहले अपने माता-पिता और गुरुजनों को प्रणाम करते थे, उनका आशीर्वाद प्राप्त करते थे। उन्होंने बच्चों से कहा कि बड़े बुजुर्गो को प्रणाम करने से और उनकी इज्जत करने से आयु विद्या यश व कीर्ति बढ़ते हैं। भगवान श्रीराम माता-पिता की आज्ञा का पालन करते हुए चौदह वर्ष तक वनवास में चले गए। श्रीराम एक आदर्श सपुत्र, आदर्श पति, आदर्श राजा एवं आदर्श भाई के आदर्श स्थापित करने वाले हैं। इसीलिए आज भी हजारों साल बाद भी लोग उन्हें अपना आदर्श मानते हैं। उन्होंने कहा कि श्रीराम के राज़ में भौतिक दैविक और दैहिक कष्ट किसी को भी व्याप्त नहीं होते थे, सभी खुश थे, संतुष्ट थे। हमें भी अपने जीवन में श्रीराम के आदर्शों को मानते हुए अच्छा जीवन जीने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कहा कि श्रीराम ने रावण को मारकर साबित किया कि बुराई का अंत निश्चित होता है। इस अवसर पर प्रिंसिपल रंजना देवी, पायल शर्मा, व्यास देव, अक्षय योगी, नीरज तथा अन्य उपस्थित थे।