नशामुक्त युवा का ही भविष्य उज्जवल : सतपाल शास्त्री
कहा, न करें नशा, दूसरों को भी दें नसीहत
दातारपुर,(राजदार टाइम्स): विश्व में हर वर्ष 26 जून को अंतरराष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस मनाया जाता है। नशीली वस्तुओं और पदार्थ से लोगों को बचाने के लिए तथा हर साल लोगों को नशीले पदार्थों के सेवन से होने वाले दुष्परिणामों के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से इसे मनाया जाता है। आज इस अवसर नेहरु युवा केंद्र के तत्वावधान में हुई संगोष्ठी में भाजपा के जिला महासचिव सतपाल शास्त्री चर्चा करते हुए कहा कि नशा एक ऐसी बीमारी है जोकि युवा पीढ़ी को लगातार अपनी चपेट में लेकर उसे कई तरह से बीमार कर रही है।
उन्होंने कहा कि शराब, सिगरेट, तम्बाकू एवं ड्रग्स जैसे जहरीले पदार्थों का सेवन कर युवा वर्ग का एक बड़ा हिस्सा नशे का शिकार हो रहा है। आज छोटी आयु के बच्चे भी नशे की चपेट में आ चुके हैं। जोकि बहुत ही चिंताजनक बात है। लोग सोचते हैं कि वो बच्चें कैसे नशा कर सकते है। जिनके पास खाने को भी पैसा नहीं होता। परंतु नशा करने के लिए सिर्फ मादक पदार्थो की ही जरुरत नहीं होती, बल्कि व्हाइटनर, नेल पॉलिश, पेट्रोल आदि की गंध, भांग, चरस आदि का सेवन करना, कुछ इस प्रकार के नशे भी किए जाते हैं, जो बेहद खतरनाक होते हैं। उन्होंने कहा नशे की लत ने इंसान को उस स्तर पर लाकर खड़ा कर दिया है कि अब व्यक्ति मादक पदार्थों के सेवन के लिए किसी भी हद तक जा सकता है, वह नशे के लिए जुर्म भी कर सकता है। व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन में तनाव, प्रेम संबंध, दांपत्य जीवन व तलाक आदि कारण, महिलाओं में नशे की बढ़ती लत के लिए जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि यह जरुरी नहीं है कि नशा सिर्फ मादक पदार्थों का सेवन कर ही किया जाए, नशा किसी भी प्रकार का हो सकता है।
जैसे मादक पदार्थों का सेवन……..
मादक पदार्थों के सेवन में शराब, सिगरेट, ड्रग्स, हेरोइन, गांजा, भांग आदि शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि शोधकर्ताओं के अनुसार हर वह चीज जो आपको जिसकी आपको लत लग जाए, नशे की श्रेणी में ही आता है। ऐसी ही कुछ आदतें हैं जिन्हें छोडऩा बेहद मुश्किल होता है।
जैसे……….
मादक पदार्थों के अलावा चाय, काफी, वर्तमान समय के नये यंत्र जैसे विडियो गेम्स, स्मार्ट फोन, फेसबुक आदि का ज्यादा मात्रा में उपयोग भी नशे की श्रेणी में आते है।
नशे से होने वाले नुक्सान……
उन्होंने कहा मादक पदार्थों के सेवन से सबसे बड़ी हानि, स्वास्थ्य की हानि है। इससे आपके शरीर के कई अंगों पर एक साथ विपरीत असर पड़ता है। खास तौर से यह आपके दिमाग को भी अपनी चपेट में ले लेता है। उन्होंने कहा नशा करने वाला व्यक्ति हमेशा चिढ़ा हुआ और मानसिक तनाव से ग्रसित होता है। नशा करने वाला व्यक्ति आर्थिक, मानसिक एवं शारीरिक सभी से कमजोर होता है तथा नशा करने वाला व्यक्ति अपने समाज एवं परिवार से बिलकुल दूर हो जाता है। उन्होंने कहा ऐसे समय में जरूरत है कि न तो हम स्वयम नशा करें और दूसरों को भी इसके दुष्प्रभावों के प्रति जागरूक करें ताकि सभी स्वस्थ हों और स्वस्थ समाज के निर्माण में अपना योगदान दे सकें। इस अवसर पर सुरिन्दर भूषण, प्रेम सिंह राणा, नीतीश कुमार, विक्रांत आदि भी उपस्थित थे।