भाजपा के दबाव में राज्यपाल ने रोकी 36 हजार कर्मचारियों को पक्का करने की फाइल
दी चेतावनी, कहा अपनी कैबिनेट सहित बैठेंगे धरने पर
चंडीगढ़,(राजदार टाइम्स ब्यूरो): चुनावों को नजदीक आता देख कर पंजाब सरकार व राज्यपाल के बीच ठनती नजर आने लगी है। मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी ने आज यहां कहा कि पंजाब के राज्यपाल ने भाजपा के दबाव में 36 हजार कर्मचारियों को पक्का करने की फाइल रोक ली है। दो बार उनके मुख्य सचिव व एक बार वह कैबिनेट के साथ जाकर इसे क्लियर करने को कह चुके हैं। इसके बावजूद भाजपा के दबाव में फाइल रोकी गई है। उन्होंने कहा कि अब वह सोमवार को सारी कैबिनेट एक बार फिर से राज्यपाल से मिलने जाएगी। यदि फिर भी फाइल क्लियर न हुई तो फिर वह कैबिनेट के साथ धरना देंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें पहले लगता था कि राज्यपाल व्यस्त हैं। हालांकि अब लगता है कि राजनीतिक कारणों की वजह से फाइल रोकी गई है। उनका फर्ज है कि अगर सरकार ने कानून बना दिया तो उसे समय पर क्लियर करें।
कानून की दुहाई बेअदबी पर, मजीठिया पर निशाना ड्रग्स केस में
उन्होंने कहा कि नशे के खिलाफ निर्णायक जंग लड़ रहे हैं। उन्होंने अकाली नेता बिक्रम मजीठिया का नाम लिए बिना कहा कि नशे के मामले में बड़ी मछलियों को भागने नहीं देंगे। सरकार नशे को खत्म करके ही रहेगी। फरीदकोट बेअदबी केस में उन्होंने कानून की दुहाई देते हुए कहा कि इस बारे में एसआईटी तेजी से काम कर रही है। बाबा राम रहीम सही जवाब नहीं दे रहा। उसके लिए एसआईटी ने हाईकोर्ट में राम रहीम की कस्टडी की मांग की है।
गिनवाए सौ दिन के सौ काम
पंजाब विधान सभा चुनाव से पहलेचरणजीत चन्नी ने रिपोर्ट कार्ड पेश करते हुए पिछले सौ दिन में किए सौ काम भी गिनाए। पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री ने महंगे बिजली समझौते रद्द करने, दो किलोवाट तक 20 लाख परिवारों के पुराने बिजली बिल माफ करने, रेत सस्ती करने, शहरों और गांवों में पानी की टंकियों के बिल माफ करने की उपलब्धियां गिनाई। उन्होंने कहा कि पंजाब में सिर्फ पंजाबी को नौकरी मिले, ऐसा कानून बनाने में संवैधानिक अड़चन थी। इसलिए अब यह कानून बना दिया है कि जिसने 10वीं में पंजाबी पास की हो, उसे ही पंजाब में सरकारी नौकरी मिलेगी।