कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने जैविक दलहन की खेती को बढ़ावा देने के लिए किया किसान जागरूकता शिविर का आयोजन
पठानकोट,(राज चौधरी): निदेशक, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग पंजाब डॉ. गुरविंदर सिंह खालसा और उपायुक्त संयम अग्रवाल के निर्देशन में मिशन हेल्दी पंजाब के तहत कृषि विविधीकरण में दलहन की खेती के महत्व पर कृषि कार्यालय इंदिरा कॉलोनी में किसान जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता डॉ.अमरीक सिंह प्रखंड कृषि पदाधिकारी, गुरदित सिंह, कृषि विस्तार अधिकारी, लव कुमार प्रखंड प्रौद्योगिकी प्रबंधक बलविंदर कुमार, अमनदीप सिंह, मंदीप हंस, सहायक प्रौद्योगिकी प्रबंधक (आत्मा) बलविंदर सिंह, किसान नेता कार्तिक वडेरा, अतिरिक्त किसान संसार सिंह, राजिंदर सिंह, रविंदर सिंह, मरुत कपिला अध्यक्ष रोटरी मिड टाउन क्लब, पारस, महासचिव मुनीश कुमार सहित बड़ी संख्या में किसान मौजूद थे। गर्मियों में आम की खेती के तकनीकी टिप्स किसानों को साझा करते हुए डॉ.अमरीक सिंह ने कहा कि शाकाहारियों के आहार में दालें अहम भूमिका निभाती हैं।
उन्होंने कहा कि दलहनों को अंतरफसल के रूप में उगाने से न केवल आय में वृद्धि होगी बल्कि मिट्टी की सेहत में भी सुधार होगा और मुख्य फसल की उपज में भी वृद्धि होगी। क्षेत्र में दलहन (मूगी, मनह और अरहर) की खेती की जाती है और दलहन (छोले, मसर) की खेती राकिंग के दौरान 1.15 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में की जाती है। जिसे बढ़ाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि दलहन की खेती से रासायनिक उर्वरकों पर निर्भरता कम हुई है और खेती की लागत भी कम हुई है और कुछ नाइट्रोजन अगली फसल के लिए मिट्टी में रहता है। गुरदित सिंह ने कहा कि हालांकि धान-गेहूं फसल चक्र से किसानों को अधिक आय होती है लेकिन इस फसल चक्र का प्राकृतिक संसाधनों पर हानिकारक प्रभाव पड़ रहा है और जलस्तर लगातार गिर रहा है। मुनीश कुमार ने किसानों और उपभोक्ताओं की बेहतरी के लिए कृषि विभाग द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की और आश्वासन दिया कि जैविक दलहन की खेती करने वाले किसानों को हर संभव मदद दी जाएगी। कृषि की बुवाई के लिए व्यावसायिक खेती की आवश्यकता होती है। प्रगतिशील किसान संसार सिंह, राजिंदर सिंह और राम लाल ने अपने अनुभव साझा किए।