शहीद मनदीप सिंह की अंतिम अरदास के मौके पहुंचे मुख्यमंत्री
गुरदासपुर,(राजदार टाइम्स):
कुछ दिनों पहले11 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर के पुंछ सेक्टर के सुरनकोट क्षेत्र में सर्च अभियान के तहत पाक प्रशिक्षित आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान शहादत का जाम पीने वाले नायक मनदीप सिंह 16 राष्ट्रीय राइफल्स युनिट (11 सिख) की अंतिम अरदास समागम मौके पंजाब के मुख्यमंत्री चरनजीत सिंह चन्नी विशेष तौर पर शहीद के गांव चट्ठा में पहुंचे।

इस मौके पर पंजाब विधानसभा स्पीकर राणा केपी सिंह, कैबिनेट मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा, विधायक इंदरबीर सिंह बुलारिया, शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद के महासचिव कुंवर रविंदर विक्की, डीसी मोहम्मद इशफाक, रक्षा सेवाएं भलाई विभाग पंजाब के डायरेक्टर ब्रिगेडियर सतिंदर सिंह औलख, एसएसपी बटाला मुखविंदर सिंह सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारियों ने शहीद मनदीप सिंह की तस्वीर पर फूल भेंट करते हुए श्रद्धांजलि भेंट की।

मुख्यमंत्री चन्नी ने शहीद की पत्नी मनदीप कौर, मां मंजीत कौर, भाई जगरूप सिंह व गुरपिंदर सिंह के साथ गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि इस दुख की घड़ी में पंजाब सरकार शहीद परिवार के साथ खड़ी है। उन्होंने कहा कि शहीद मनदीप सिंह की कुर्बानी को देश लंबे समय तक याद रखेगा। वह अपने शहीद जवान को वापिस तो नहीं ला सकते, मगर शहीद परिवार का मनोबल बढ़ाने हेतु पंजाब सरकार की ओर से 50 लाख रुपए की एक्सग्रेशिया ग्रांट भेंट की जाएगी। जिसमें से पांच लाख रुपए का चेक उन्होने मौके पर शहीद परिवार को भेंट किया तथा उन्होंने कहा कि शहीद की पत्नी को योगयता अनुसार सरकार नौकरी भी देगी।

उन्होंने कहा कि शहीद मनदीप सिंह एक बहादुर सैनिक होने के साथ-साथ आला दर्जे का फुटबाल का खिलाड़ी था, इस लिए गांव में उनके नाम पर स्टेडियम व दस लाख रुपए की लागत से एक यादगिरी गेट बनाया जाएगा। जिसकी राशि पंचायत को भेंट कर दी गई है। उन्होंने शहीद के 50 दिन के बेटे को गोद में लेकर दुलार दिया। मुख्यमंत्री चन्नी ने गुरु ग्रंथ साहिब जी को माथा टेकने के बाद परिजनों से अपना दुख सांझा किया।

शहीदो की चिताओं पर लगेंगे मेले, वतन पे मिटने वालो का यही बाकी निशां होगा: मुख्यमंत्री चन्नी
पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने शहीद मनदीप सिंह को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि शहीदो की चिताओं पर लगेंगें मेले, वतन पे मिटने वालो का यही बाकी निशां होगा। उन्होंने कहा कि एक सैनिक अपनी जान हथेली पर लेकर ईमानदारी और जज्बे के साथ देश की सुरक्षा करने के लिए ही सेना में जाता है। मैं देश के समूह सैनिकों की कदर करता हूं, उनके शौर्य को सैल्यूट करता हूं। हमारे वीर सैनिक जिन कठिन परिस्थितियों में देश की एकता, अखंडता व आजादी की गरिमा को बहाल रखने के लिए सरहदों पर लड़ते हुए अपने बलिदान दे रहे हैं, उनके अदम्य साहस व शूरवीरता के समक्ष समुचा राष्ट्र नतमस्तक है।

विधानसभा स्पीकर राणा केपी सिंह व कैबिनेट मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा ने भी शहीद के परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की और कहा कि शहीद मनदीप का बलिदान हमेशा याद रखा जाएगा। इस मौके पर उपायुक्त गुरदासपुर मोहम्मद इशफाक, एसडीएम बटाला शायरी भंडारी, एसडीएम गुरदासपुर, एक्सियन बलदेव सिंह, पंजाब मंडी बोर्ड आदि समेत पुलिस अधिकारी उपस्थित थे।
बेटे मनताज ने शहीद पिता को सैल्यूट कर किया नमन-
शहीद मनदीप सिंह के चार साल के बेटे मनताज ने जब शहीद पिता को सैल्यूट कर नमन किया तो वहां पर मौजूद हर आंख नम हो गई। उसने कहा कि वह भी अपने पापा की तरह सैनिक बनकर देश सेवा करेगा।

पत्नी बोली-दोनों बेटों को भी भेजूंगी फौज में-
शहीद मनदीप सिंह की पत्नी मनदीप कौर ने कहा कि उसे अपने पति के जाने का दुख तो बहुत है, मगर उनकी शहादत पर गर्व भी है। उसने कहा कि वह अपने दोनों बेटों को फौज में भर्ती करवा कर अपने शहीद पति के सपने को साकार करेगी।
इन्होंने भी भेंट की श्रद्धांजलि-
इस अवसर पर 11 गड़वाल युनिट के कर्नल जगदीप सिंह, शहीद का भाई हवलदार जगरुप सिंह व गुरपिंदर सिंह, शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा महासचिव कुंवर रविंदर सिंह विक्की, सूबेदार नीरज सिंह, शहीद की युनिट 11 सिख के नायक लखविंदर सिंह, नायक सरुप सिंह, हरपिंदर सिंह, सिपाही नवप्रीत सिंह, गुरमुख सिंंह बाजवा, सुखजीत सिंह, गुरविंदर सिंह शामपुर, सूबेदार मेजर एसपी घेसल, शहीद मनिंदर सिंह के पिता सतपाल अत्तरी, शहीद जतिंदर कुमार के पिता राजेश कुमार, शहीद मनिंदर सिंह की पत्नी नायब तहसीलदार अकविंदर कौर, शहीद सिपाही लवप्रीत सिंह के पिता जसविंदर सिंह, लांसनायक संदीप सिंह शौर्यचक्र के पिता जगदेव सिंह, जिला रक्षा सेवाएं भलाई विभाग के सुपरिटेंडेंट ठाकुर सुदेश कुमार, फील्ड अफसर मेजर सिंह व जगदीश सिंह, शहीद के चचेरे भाई गुरविंदर सिंह, पूर्व चेयरमैन बलविंदर सिंह कोटलाबामा, चेयरमैन मार्केट कमेटी गुरदासपुर ओंकार सिंह लाटी, चेयरमैन राजिंदर सिंह सरूपवाली बटाला आदि ने श्रद्धांजलि भेंट की। अंतिम अरदास के वक्त भाई हरप्रीत सिंह भालोवाली और भाई सतनाम सिंह हजूरी रागी दरबार साहिब की तरफ से गुरबानी का वैरागमयी कीर्तन किया गया।