मुख्यमंत्री और किसान संगठनों का किया धन्यवाद, केंद्र को किसान मसलों पर हमदर्दी के साथ गौर फरमाने की अपील
होशियारपुर,25 नवबंर(राजदार टाइम्स): पंजाब के उद्योग और वाणिज्य मंत्री सुंदर शाम अरोड़ा ने प्रदेश में रेल यातायात फिर शुरू होने को राज्य के उद्योगों के लिए बड़ी राहत बताते हुए कहा कि ट्रेनें शुरू होने साथ जल्द ही पंजाब फिर औद्योगिक और वित्तीय विकास के रास्ते पर आ जाएगा।
राज्य में रेल यातायात को यकीनी बनाने के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह और किसान यूनियनों का धन्यवाद करते हुए उद्योग मंत्री ने कहा कि रेल गाड़ीयां ख़ास तौर पर माल गाड़ीयां चलने से आयात-निर्यात को प्रोत्साहन मिलेगा क्योंकि दोनों क्षेत्रों के विकास की रफ़्तार रेले बंद होने के कारण मंद पड़ गई थी। राज्य में ज़रूरी वस्तुएं, सामान, पदार्थों और उत्पादों की आमद और निर्यात को अब बल मिलेगा जोकि अति अपेक्षित भी था। सितम्बर के आखिरी हफ़्ते से रेल सेवा बंद होने के कारण पंजाब के उद्योगों को भारी मुश्किलें का सामना करना पड़ रहा था और रेल यातायात विशेष कर मालगाडिय़ां चलने से उद्योगों को फ़ायदा होने से दूसरे सम्बन्धित क्षेत्रों, कृषि क्षेत्र, मज़दूरों आदि को भी भारी राहत मिलेगी। केंद्र सरकार से अपील करते सुंदर शाम अरोड़ा ने कहा कि ट्रेनों का यातायात अब निरंतर जारी रहना चाहिए जिससे प्रदेश के विकास में और रुकावट न आ सके। पंजाब के उद्योगों को ट्रेनों न चलने कारण पहले ही 40 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक का घाटा पड़ चुका है। उद्योग मंत्री ने कहा कि सडक़ यातायात के द्वारा वस्तुओं /प्रोडकट्स आदि की ढुलाई महंगी पड़ती है और ट्रेनें चलने से औद्योगिक विकास की रफ़्तार में तेज़ी आयेगी, जिसकी अब बहुत सख़्त ज़रूरत थी। अरोड़ा ने कहा ट्रेनों के द्वारा उद्योगों को अपेक्षित सामान और वस्तुएं पहुंचने से आने वाले दिनों में पंजाब के उद्योगों को बड़ी राहत मिलेगी। उद्योगों के रफ़्तार पकडऩे साथ अलग-अलग क्षेत्रों विशेषकर औद्योगिक कामगारों को भी फ़ायदा होगा।
ट्रेनों की फिर शुरुआत करवाने के लिए पंजाब सरकार की दखलअन्दाज़ी और किसान संगठनों का धन्यवाद करते हुए उद्योग मंत्री ने कहा कि किसानों का यह फ़ैसला सूबे और इसके लोगों के हित में है। केंद्र सरकार से अपील की कि यदि वह कम से कम समर्थन मूल्य (एम.एस.पी) खत्म नहीं कर रही तो इस सम्बन्धित लिखित तौर पर लेकर आए जिसको ले कर किसान जत्थेबंदियां रोष में हैं। पंजाब का किसान देश के अन्न-भंडारण में 50 प्रतिशत से अधिक योगदान डालता है जिसके हितों को केंद्र की तरफ से नजर अंदाज नहीं किया जाना चाहिए और उन के मसलों पर पूरी अहमीयत के साथ गौर फरमाना चाहिए।