कहा, विशेष जानकारी के अनुसार डीजीपी ने उन लोगों की पहचान करने के लिए कहा जो अकाली नेता को बेअदबी के मामले में फंसा सके
फगवाड़ा,(राजदार टाइम्स): शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल ने कहा है कि चरणजीत सिंह चन्नी राज्य पुलिस प्रमुख पर दबाव बना रहे है कि वह शीर्ष अकाली लीडरशीप को बेअदबी मामले और पुलिस फायरिंग दोनो मामलों में फंसाएं। यहां पत्रकारों को संबोधित करते हुए अकाली दल अध्यक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री के साथ-साथ गृहमंत्री सुखजिंदर रंधावा दोनो ही उच्च न्यायालय के कहने पर गठित की एसआईटी के साथ मीटिंग कर रहे है ताकि कोटकपुरा गोलीकांड की रोजाना जांच की जा सके। जिसका एकमात्र उददेश्य अकाली लीडरशीप के खिलाफ जांच को प्रभावित करना है। ‘‘एसआईटी के अधिकारियों को इस मामले में अकाली लीडरशीप को फंसाने का निर्देश दिया जा रहा है। उन्हे धारा 164 सीआरपीसी के तहत बादल परिवार के खिलाफ झूठे बयान दर्ज करवाना बताया जा रहा है। मेरे पास विशेष जानकारी है कि डीजीपी आईपीएस सहोता को ऐसे लोगों की पहचान करने के लिए कहा गया है, जो इस मामले में बादल परिवार को फंसा सकें। इस मामले में तत्कालीन आईजी कुंवर विजय प्रताप सिंह की जांच को रदद कर दिया गया था, इसके बावजूद ऐसा किया जा रहा है, और उच्च न्यायालय ने नए तीन सदस्यीय एसआईटी के गठन का निर्देश देते हुए कहा था कि एसआईटी के कामकाज में किसी तरह का हस्तक्षेप नही किया जाना चाहिए’’। मुख्यमंत्री अपने पूर्ववर्ती कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा अपनाई गए रास्ते का अनुसरण कर रहे हैं। अकाली दल अध्यक्ष ने कहा कि ऐसा लगता है कि सिख संगत को न्याय दिलाना सरकार की प्राथमिकता नही है। कांग्रेस पार्टी बेअदबी के संवेदनशील मुददे पर राजनीति करती रही है। इसके कारण अपराधियों को अभी तक दोषी नही ठहराया गया है’’। बादल ने कहा कि शिअद-बसपा गठबंधन की सरकार बनने पर हम इस मामले में न्याय सुनिश्चित करेंगें।‘‘
यह हमारे लिए दुख की बात है कि हम इस मुददे पर न्याय सुनिश्चित नही कर सके। मैंने पहले भी सिख संगत से माफी मांगी थी, मैं अब भी माफी मांगता हूं। लेकिन ऐसा इसीलिए हुआ क्योंकि कांग्रेस पार्टी ने हमपर दबाव बनाया था कि हम इस मामले में जांच सीबीआई को सौंप दें। हालांकि सरकार में बदलाव के बाद राज्य ने अदालत में इस मामले को सीबीआई से वापिस लेने के लिए याचिका दायर की जिसके परिणामस्वरूप इस मामले में न्याय की प्रतीक्षा की जा रही है। मैं मुख्यमंत्री के साथ-साथ नागरिक और पुलिस प्रशासन को यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि इस मामले में न्याय सुनिश्चित करना शिअद-बसपा गठबंधन सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता होगी। इस मामले में निर्दोष व्यक्तियों को फंसाने के लिए जाने वाले किसी भी व्यक्ति को न केवल न्यायिक जांच का सामना करना पड़ेगा बल्कि दोषी को उचित कार्यवाही का भी सामना करना पड़ेगा। इस मामले में सिख संगत और पंजाबी अब भी न्याय का इंतजार कर रहे हैं, कहते हुए सरदार बादल ने कहा कि उन्होंने पहले भी प्रार्थना की है कि जो लोग बेअदबी के जघन्य अपराध में लिप्त थे। जिन्होंने इस मुददे का राजनीतिकरण किया, उनका कुछ भी न रहे। ‘‘ कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बेअदबी के मुददे को आधार बनाकर ही राजनीति की। आपने देखा है कि उसके साथ क्या हुआ। इस समय पर अन्य नेता भी उपस्थित थे।