26 के भारत बंद को सफल बनाने का किया आवहान
मुकेरियां,(राजदार टाइम्स): केंद्र सरकार द्वारा लागू किए जा रहे कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ टोल प्लाजा हरसा मानसर पर किसान संगठनों द्वारा रोष प्रदर्शन 164 वें दिन भी जारी रखा गया। इस समय भगत सिंह और उनके सहयोगियों के शहीदी दिवस को समर्पित एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसके दौरान अमर शहीदों पर माल्यार्पण करने के बाद होशियारपुर स्कूल ऑफ ड्रामा के युवा कलाकारों द्वारा देशभक्ति गीत, स्किट्स और नाटक जख्म जद सुलगदे ने का सफल मंचन किया गया। इसी दौरान नामांकन अभियान के एक हिस्से के रूप में, शिक्षा विभाग की मीडिया टीम ने पंजाबी लोक विरासत से भांड वंनगी के माध्यम से सरकारी स्कूलों में बच्चों को दाखिला दिलवाने का संदेश दिया। भांडों की भूमिका सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल चौहल के शिक्षक अंकुर शर्मा एवं नारायण सिंह ने निभाई। समरजीत सिंह शम्मी जिला मीडिया समन्वयक (प्रिंट) और योगेश्वर सलारिया जिला मीडिया समन्वयक (सामाजिक) भी इस अवसर पर उपस्थित थे। विभिन्न गांवों के बड़ी संख्या में आए युवाओं ने इंकलाब-जिंदाबाद के नारे लगाए और शहीदों को पुष्प अर्पित किए। रोष प्रदर्शन को संबोधित करते हुए विभिन्न प्रवक्ताओं ने कहा कि हम जिस आजादी का सुखद अनुभव कर रहे हैं। वह सरदार भगत सिहं, राजगुरु और सुखदेव जैसे देश के कई अन्य महान शहीदों के बलिदानों के कारण संभव हुआ है। यद्यपि शहीदों की आयु बहुत कम थी, लेकिन उनमें देशभक्ति की भावना कम नहीं थी। वक्ताओं ने युवाओं से अपील की कि वे ड्रग्स जैसी सामाजिक बुराइयों को छोड़ दें और स्वस्थ समाज बनाने में अपना उचित योगदान दें, ताकि शहीद भगत सिंह के सपनों को साकार किया जा सके। उन्होंने कहा कि देश के हित में संघर्ष करने के लिए साहस की आवश्यकता है और उम्र का इससे कोई लेना-देना नहीं है। प्रवक्ताओं ने रोष व्यक्त किया कि केंद्र सरकार की हठधर्मी और तानाशाही दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की नींव को खोखला कर रही है और देश में लोकतंत्र का मज़ाक बनाया जा रहा है। नए अधिनियमित कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग को दोहराते हुए, प्रवक्ताओं ने केंद्र सरकार से देश के लाखों किसानों के मन की बात को तुरंत सुनने का आग्रह किया। वक्ताओं ने क्षेत्र निवासियों से संयुक्त किसान मोर्चा के आवहान पर 26 के भारत बंद को सफल बनाने की भी अपील की। इस अवसर पर जत्थेदार हरबंस सिंह मंझपुर, सुल्लखन सिंह जग्गी, अमरजीत सिंह ढाडेकटवाल, सरबजोत सिंह साबी, सतनाम सिंह बगडिय़ां, प्रो.जीएस मुल्तानी, जत्थेदार कृपाल सिंह गेरा, अवतार सिंह बॉबी, बलजीत सिंह छन्नी नंद सिंह, मास्टर योध सिंह कोटली, विजय सिंह बहिबल मंज, बिल्ला सरपंच नंगल, अर्जुन सिंह कजला, गुरनाम सिंह जहानपुर, मेजर सिंह महितपुर, रविंदर सिंह पाहड़ा रामगढ़ कुल्लियां, हरदीप सिंह मंझपुर, वरिंदर मीरपुर, लखविंदर सिंह टिम्मी हाजीपुर, लखवीर सिंह लख्खी मानां, रौशन सिंह लाडपुर, बलविंदर सिंह पनखूह, बलकार सिंह मल्ही, करनैल सिंह कुल्लियां, रशपाल सिंह रंगा, रणजीत सिंह डालोवाल, दीपक ठाकुर समेत बड़ी संख्या में किसानों, श्रमिकों, महिलाओं और युवाओं ने शहीदों को श्रद्धा सुमन भेंट किये।