विशेष परिस्थितियों में प्रशासन की मंजूरी मिलने पर शर्तों के साथ किया जा सकता है ड्रोन का प्रयोग
होशियारपुर,(राजदार टाइम्स): जिलाधीश अपनीत रियात ने धारा 144 सी.आर.पी.सी के अंतर्गत प्राप्त अधिकारों का प्रयोग करते हुए जिले में किसी भी ड्रोन या छोटी उडऩे वाली वस्तुओं, उडऩे वाले खिलौनों के प्रयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है। असाधारण परिस्थितियों में शर्तों के साथ ड्रोन, छोड़ी उडऩे वाली वस्तुओं के प्रयोग किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि देखने में आया है कि छोटे ड्रोन, यू.ए.वी कैमरे का प्रयोग समाज में सामाजिक व सांस्कृतिक कार्यक्रमों में तस्वीरों व वीडियो कैप्चर करने के लिए काफी बढ़ गया है। वहीं कानून व्यवस्था की समस्याओं, सुरक्षा व खतरे को देखते हुए ड्रोन व यूएवी का दुरुपयोग असमाजिक तत्वों द्वारा दहशत व उपद्रव पैदा करने के लिए भी किया जा सकता है, जिससे शांति भंग होने की आशंका है। ड्रोन व अन्य कम उडऩे वाली वस्तुओं का प्रयोग मानव जीवन व सुरक्षा के लिए खतरे के अलावा सार्वजनिक शांति में गड़बड़ी पैदा करने की भी संभावना है और राष्ट्रविरोधी तत्व मानव जीवन को नुकसान, चोट व जोखिम पैदा करने के लिए ड्रोन व उडऩे वाली वस्तुओं का प्रयोग कर सकते हैं। मौजूदा स्थिति में महत्वपूर्ण संस्थानों व अत्याधिक आबादी वाले क्षेत्रों के नजदीक हवाई क्षेत्रों को सुरक्षित करने के लिए, आम जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए किसी भी ड्रोन या इस तरह की वस्तुओं के उपयोग को नियमित करना महत्वपूर्ण है। उन्होंने एस.एस.पी होशियारपुर को आदेशों का पालन सुनिश्चित करने की हिदायत दी है। जारी आदेशों में जिलाधीश ने कहा कि जिले में संचालित सभी ड्रोन डी.जी.सी.ए के नियमानुसार संबंधित एस.डी.एम के पास रजिस्टर्ड करवाने होंगे। उन्होंने कहा कि एस.डी.एम एक विशिष्ट पहचान नंबर (यू.आई.एन) जारी करेंगे व एक उचित रजिस्ट बनाएंगे। जिसमें ड्रोन, यू.ए.वी के मेक, टाइप, यूनिक बाडी, चैसी नंबर का उल्लेख किया हो। ड्रोन पायलटों को उड़ान के दौरान हर समय एक सीधी नजर से रेखा बनाए रखनी होगा और कोई भी ड्रोन 4 सौ मीटर से अधिक ऊंचाई पर नहीं उड़ाया जा सकता। हवाई अड्डो, अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं, रणनीतिक स्थानों, महत्वपूर्ण संस्थानों, निषिध क्षेत्रों, सरकारी भवनों, सी.ए.पी.एक व सैन्य प्रतिष्ठानों के पास ड्रोन नहीं उड़ाए जा सकते। कोई भी माइक्रो ड्रोन (250 ग्राम से 2 किलो) 60 मीटर की ऊंचाई से अधिक नहीं उड़ेगा और जमीनी स्तर से (ए.जी.एल) से अधिकतम गति 25 मीटर प्रति सैकेंड अधिक उड़ान नहीं भरेगा। इसी तरह कोई भी छोटा ड्रोन ड्रोन (2 किलो से 25 किलो) 120 मीटर की ऊंचाई से अधिक नहीं उड़ेगा और जमीनी स्तर से (ए.जी.एल) से अधिकतम गति 25 मीटर प्रति सैकेंड अधिक उड़ान नहीं भरेगा। मध्यम ड्रोन (25 किलो से 150 किलो) या बड़े ड्रोन (150 किलो तक) एस.डी.एम द्वारा जारी आपरेटर परमिट में शामिल शर्तों के अनुसार उड़ेंगे। सूर्यास्त के बाद और सूर्योदय से पहले कोई ड्रोन नहीं उड़ाया जाएगा और किसी भी आश्वयक मामले में संबंधित एस.डी.एम के पूर्व अनुमति लेना अनिवार्य होगा। उन्होंने कहा कि ड्रोन के मालिक और उसके आपरेटर ड्रोन के गलत प्रबंधन या खराब होने, किसी व्यक्ति या संपत्ति के नुकसान होने पर उत्तरदायी होंगे। ड्रोन के संचालन के संबंध में तय मापदंडों, दिशा निर्देशों व नियमों का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति पर धारा 188 आई.पी.सी के अंतर्गत कार्रवाई की जाएगी। अपनीत रियात ने बताया कि ड्रोन के उपयोग का आदेश पुलिस कर्मी व अन्य सरकारी अधिकारियों, एजेंसियों पर लागू नहीं होंगे जो कि सीधे तौर पर आधिकारिक डयूटिज से संबंध रखते हों। इसके अलावा यदि पुलिस कर्मी व अन्य सरकारी अधिकारी अपनी सेवा वर्दीं में हों, तो वह अपने पहचान पत्र व अधिकार कार्ड लेकर आए, ताकि उनको आधिकारि
क अथारिटी द्वारा जारी की गई अपनी सरकारी ड्यूटी के संबंध में ड्रोन का प्रयोग करने का अधिकार दिया जा सके। यह छूट उपरोक्त कर्मचारियों के संबंध में तब लागू होती है जब वह अधिकृत हों। कुछ सामाजिक आयोजनों के दौरान फोटोग्राफी के लिए ड्रोन का प्रयोग करना जिसके लिए पूर्व में जिला मजिस्ट्रेट होशियारपुर की लिखित अनुमति प्राप्त कर ली गई है। इन सामाजिक आयोजनों में रिंग सेरेमनी, प्री-वेडिंग फोटो शुुट, वेडिंग सेरेमनी, सामाजिक व राजनीतिक सभाएं आदि शामिल हैं, पर भी यह आदेश लागू नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि इन आदेशों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कानून अनुसार कार्रवाई की जाएगी।