जबरन थोपे विकास फंड विरूद्ध पैंशनरों का गुस्सा सातवें आसमान पर : कर्मजीत शर्मा
विधायक के घर के सामने जलाई पत्र की कापी
श्री मुक्तसर साहिब,(विपन कुमार मित्तल): पंजाब सरकार ने अपनी पैंशनर व मुलाजिम विरोधी नीति को आगे बढ़ाते हुए सेवा मुक्त कर्मचारियों तथा फैमिली पैंशनरों की पैंशनों में से प्रति महीना 200/- रूपये विकास फंड लगाने का पत्र जारी किया है। यह पत्र जारी होने से पंजाब के लगभग 3 लाख से ज्यादा सेवा मुक्त कर्मचारियों व फैमिली पैंशनरों, उनके परिवारों तथा अन्य रिशतेदारों एवं सज्जन सनेहियों के मनों में सरकार के प्रति बेहद गुस्सा और रोष पाया जा रहा हे। सेवा मुक्त कर्मचारियों ने इस जबरन थोपे गए विकास फंड को जजिया टैकस करार दिया है। इस पत्र के विरोध में राज्य कमेटी के फैसले अनुसार आज पंजाब ग्वर्नमैंट पैंशनर्ज एसोसिएशन के नेतृत्व में विभिन्न पैंशनर संगठनों ने स्थानीय चक्क बीढ़ सरकार रोड स्थित विधायक जगदीप सिंह काका बराड़ की रिहायश के सामने विशेष इक्कत्रता की। इस समय शिक्षा, पी.डब्लू.डी पब्लिक हैल्थ व बी.एंड आर, पंजाब रोडवेज, पंजाब राज बिजली बोर्ड, एक्साईज एंड टैकसटेशन तथा फूड एंड सप्लाईज विभागों सहित पैंशनर संगठनों के नेताओं व सदस्यों ने बड़ी संख्या में भाग लिया। ईक्कठ दौरान बलदेव सिंह बेदी, हरदेव सिंह, बलवंत सिंह अटवाल, ओम प्रकाश शर्मा व जोगिन्द्र सिंह सहित सभी वक्ताओं द्वारा पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार की पैंशनर विरोधी नीतिओं की पुरजोर शब्दों में निंदा की गई। अपने संबोधन में पंजाब गवर्नमैंट पैंशनर ऐसोसिएशन के जिलाध्यक्ष कर्मजीत शर्मा ने कहा कि पंजाब सरकार की कथनी और करनी में बेहद ज्यादा अंतर है। चुनाव के समय पैंशनरों के लिए किए गए किसी भी वादे को पूरा नहंी किया गया। उन्होंने पैंशनरों से 200/- रूपये प्रति महीना विकास फंड के नाम पर की जाने वाली वसूली को सीनियर सिटीजनों के साथ गंभीर धोखा करार दिया है। जानकारी देते हुए एसोसिएशन के पिछले ग्यारह वर्षों से लगातार चले आ रहे जिला प्रैस सचिव जगदीश राय ढोसीवाल ने बताया है कि इस समय मौजूद पैंशनरों द्वारा सरकार विरूद्ध गुस्से का प्रक्टावा किया गया और जोरदार नारेबाजी की गई। उपरांत सरकार द्वारा जारी जबरन विकास फंड की कटौती वाले पत्र की कापियां हल्का विधायक के घर के सामने जलाई गईं। इस अवसर पर जसविंदर सिंह, ईन्द्रपाल सिंह संधू, कश्मीर सिंह ढिल्लों, जोगा सिंह, कुलदीप सिंह बराड़, सुखपाल सिंह, पूर्ण सिंह सोथा, जसवंत सिंह, सुखमंदर सिंह बेदी, इकबाल सिंह, सुखदेव सिंह, गुरदेव सिंह, जी कुमार, कश्मीर सिंह, ज्ञान चंद तूर, कुलदीप सिंह, मलकीत सिंह, करनैल सिंह, सुखपाल सिंह, मुख्तयार सिंह, रूप चंद, मुख्तयार सिंह, मंगल सिंह, छिंदर सिंह, रजिंदर सिंह, सुरिन्द्रजीत, यशपाल खुराना, सुखबंस सिंह चाहल, रोशन लाल बत्तरा, काला सिंह बेदी, सरूप चंद, नच्छर सिंह मधीर, दयाल चंद तूर आदि सहित बड़ृी संख्या में अन्य सेवा मुक्त कर्मचारी मौजूद थे।