बचपन से ही था सेना में जा देश सेवा करने का जज्बा
दसूहा,24 नवंबर(राजदार टाइम्स): बचपन से ही जब मन में कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो, इंसान उस मुकाम को एक दिन अपनी मेहनत व बड़ों से आश्र्विाद से प्राप्त कर ही लेता है। कुछ ऐसे ही जज्बा मन में बचपन से लिए क्षेत्र का युवा अनहद बाजवा आज भारतीय सेना में लैफटिनैंट बन कर अपने घर पहुँचा। जहां पर उनका परिवारिक सदस्यों के अलावा अन्य सगे संबंधियों ने गर्मजोशी से स्वागत किया। भारतीय सेना में लैफटिनैंट अनहद बाजवा क्षेत्र के युवाओं के लिए एक प्रेरणा सोत्र बने है, क्योंकि छोटी आयु में ही उन्होंने यह मुकाम प्राप्त कर लिया है। अनहद बाजवा ने अपने अभिभावकों के साथ-साथ क्षेत्र का नाम भी रौशन किया है। उन्हें देश सेवा की प्रेरणा अपने घर परिवार से ही मिली। बताते चले कि भारतीय सेना में लैफटिनैंट अनहद बाजवा के दादा डीआईजी स्व:जेएस बाजवा ने भी पंजाब में अपनी सेवाएं देते हुए एमरजैंसी कमिश्न दौरान बीएसएफ को जुवाईन किया व बतौर डीआईजी के पद से मुक्त हुए। भारतीय सेना में लैफटिनैंट अनहद बाजवा के पिता आर.एस बाजवा भी लोक सेवा की भावना को ले कर इस समय पर अमृतसर में बतौर सिवल जज सीनियर डीविजन की सेवाएं निभा रहे हैं। जबकि माता प्रसिद्घ समाज सेवीका श्रीमती हरप्रीत कौर राजी बाजवा डीआईजी फिलिंग सेटेशन (प्रैट्रोल पंप) हाजीपुर मार्ग पर चला रही हैं। जानकारी देते हुए प्रसिद्घ समाज सेवीका श्रीमती हरप्रीत कौर राजी बाजवा ने बताया कि दो भाईयों में बड़े अनहद बाजवा का बचपन से ही सपना था कि वह भारतीय सेना में बड़ा अधिकारि बन देश की सेवा करें। बचपन से ही वह सेना की बाते करता, मुवी देखता व सेनिकों जैसे दिखने का प्रयास करता रहा है। उन्होंने बताया कि अनहद बाजवा की प्राथिमक शिक्षा कैमिब्रज इंटरनैशनल स्कूल दसूहा से प्राप्त की। उपरांत लाईलपुर खालसा कॉलेज जालंधर से लॉ करते हुए सीडीएस का इमतिहान दिया व इलाहबाद से ट्रैनिंग सैंटर से उनकी स्लैक्शन हुई व अफिसर्ज ट्रैनिंग एकैड़मी चेन्नेई से ट्रीनंग करके बतौर भारतीय सेना में लैफटिनैंट बन कर अपने घर पहुँचे। अनहद बाजवा के छोटे भाई विस्माद बाजवा भी अपन अपनी लॉ की पढ़ाई कर रहे हैं। अनहंद बाजवा के घर बधाई देने के लिए अन्तर्राष्ट्रय रैसलर निर्मल सिंह, गुरबिन्द्र संधी, सुरिन्द्र सिंह बसरा, रिशोरी लाल, सुरजीत सिंह निक्कू, सुबाष महाजन, उमेश महाजन के अलावा भारी संख्या में संगे संबंधी पहुँचे।