बच्चों ने उठाया समर कैंप का लुत्फ
दसूहा,(राजदार टाइम्स): समर कैंप गर्मी की छुट्टियों का इंतज़ार बच्चों के साथ अभिभावकों को भी रहता है। बच्चे जहां समर में खेल-खेल में कई चीज़े सीखते हैं, वही अभिभावकों का कहना है कि फोन और कंप्यूटर के दौर में बच्चों को कुछ अलग सिखाने के लिए समर कैंप कारगर है। समर कैंप में बच्चों के लिए बहुत सारी गतिविधियों का आयोजन किया गया जैसे स्विमिंग, स्टोरी टैलिंग, आर्ट एंड क्राफ्ट, स्पोर्टस, नाच-गाना, कूकिंग विद ऑउट फायर, मैथेमैनिया, नविद साइंस आदि। बच्चों ने समर कैंप में बहुत कुछ सीखा जिसे सीख कर बच्चे बहुत खुश हुए। समर कैंप में पॉटरी वर्कशॉप में पॉटर को भी बुलाया गया, जिसने बच्चों को मिट्टी के दीए एवं खिलौने बनाने सिखाए और उन पर रंग करना भी सिखाया। समर कैंप के दौरान बच्चों को पढ़ाई से हट कर बहुत कुछ नया सीखने को मिला। स्कूल परिसर में आयोजित इस कैंप में बच्चों ने उत्साह के साथ हिस्सा लिया और खूब मौज मस्ती की। समर कैंप में बच्चों द्वारा सीखे गए हुनर का प्रदर्शन 7 जून को समापन समारोह के दौरान किया गया। समर कैंप में बच्चों को संबोधित करते हुए स्कूल के प्रधानाचार्य ओपी गुप्ता तथा प्राइमरी हैड डॉ•रेणु राणावत पाटीदार ने बताया कि समर कैंप का मुख्य उद्देश्य बच्चों की रचनात्मक एवं क्रियात्मक प्रतिभा को विकसित करना है। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि ऐसे क्रियाकलाप से न केवल बच्चों में रचनात्मकता को बढ़ावा मिलता है,बल्कि हम उनके अंदर छिपी विभिन्न प्रकार की प्रतिभाओं को निखरने का उचित अवसर भी देते हैं। इन गतिविधियों के माध्यम से बच्चों के अंदर समय का सदुपयोग करने की आदत भी बढ़ती है। इस अवसर पर वासल एजूकेशनल ग्रुप के प्रधान के.के वासल, चेयरमैन संजीव कुमार वासल, वाइस प्रेजिड़ेंट श्रीमती ईना वासल तथा सी.ई.ओ राघव वासल ने कहा गुरू के बिना विद्यार्थियों को शिक्षा स्तर पर ऊँची बुलंदियों तक पहुँचना नामुमकिन होता है। शिक्षक बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ अनेक गतिविधियों के भी गुर सिखाते हैं,ताकि भविष्य में शिक्षा ग्रहण करने बाद विद्यार्थी को याद आ सके कि हमने स्कूल में कितनी उपलब्धियों को हासिल करके इस मुकाम तक पहुँचने में कामयाबी प्राप्त की है, जिसका मुख्य श्रेय स्कूल में शिक्षा देने वाले शिक्षकों को जाता है।