विश्व एड्स दिवस पर संसारपुर में किया गया सेमिनार का आयोजन
दातारपुर,30 नवंबर(एसपी शर्मा/राजदार टाइम्स): भारत सरकार के उपक्रम नेहरु युवा केंद्र संगठन के दिशा निर्देशन में उतर भारत के प्रसिद्ध स्वम सेवी संगठन यूथ डेवलपमेंट सेंटर ‘सोसाइटी द्वारा एच आई वी/एड्स उन्मूलन की दिशा में अनेक प्रयास किए जा रहे हैं। इसी श्रृंखला में विश्व एड्स दिवस के अवसर पर संसारपुर में एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें भाजपा के जिला महासचिव एवं शिक्षाविद पाल शास्त्री मुख्यातिथि के रूप में उपस्थित हुए। कार्यक्रम की अध्यक्षता सुरिंदर भूषण द्वारा की गई। सतपाल शास्त्री ने कहा कि एचआईवी आकलन के अनुसार भारतीय युवाओं में वार्षिक आधार पर एड्स के नए मामलों में 57 प्रतिशत की कमी आई है। एड्स नियत्रण कार्यक्रम के तहत किये गए एड्स के रोक थाम संबंधी विभिन्न उपायों एवं नीतियों का ही यह प्रभाव था कि वर्ष 2000 में एड्स प्रभावित लोगों की जो संख्या 2.74 लाख थी। वह 2011 में घट कर 1.16 लाख हो गई। वर्ष 2001 में एड्स प्रभावित लोगों में 0.41 प्रतिशत युवा थे जोकि प्रतिशत 2011 में घट कर 0.27 का हो गया। वर्ष 2000 में एड्स प्रभावित लोगों की संख्या लगभग 24.1 लाख थी जोकि वर्ष 2011 में घटकर 20.9 लाख रह गई। एंटी रेट्रो वायरल थेरेपी (एआरटी) के प्रयोग में आने के बाद एड्स से मरने वालों की संख्या में कमी आई। वर्ष 2007 से वर्ष 2011 के बीच एड्स से मरने वाले लोगों की संख्या में वार्षिक आधार पर 29 प्रतिशत की कमी आई।
उन्होंने कहा कि ऐसा अनुमान है कि वर्ष 2011 तक लगभग 1.5 लाख लोगों को एंटीरेट्रोवायरलथेरेपी (एआरटी) की मदद से बचाया जा चुका है। भारत एच आई वी/एड्स उन्मूलन की दिशा में लगातार कठिन प्रयास कर रहा है। एड्स नाम भयानक बीमारी ने देश की एक बड़ी आबादी को अपने प्रभाव में जकड़ रखा है। एचआईवी से संबंधित मामलों को पूर्ण रूप से ख़त्म किये जाने के प्रयास किये जा रहे हैं एवं पिछले कुछ वर्षों में भारत ने इस प्रयास में अंशत: सफलता भी पाई है। भारत को पूर्णत: एड्स मुक्त होने में अभी काफी समय लगेगा क्यों कि वर्तमान में अभी भी देश में 15 से 49 वर्ष की उम्र के बीच के लगभग 25 लाख लोग एड्स से प्रभावित हैं।
सुरिन्दर भूषण ने कहा कि पूरा विश्व एचआईवी संक्रमण को फैलने से रोकने का प्रयास कर रहा है ताकि इस महामारी को जड़ से मिटाया जा सके। विगत दस वर्षों में इस दिशा में सराहनीय प्रयास किये गए हैं, फिर भी आज हमारे सामने यह एक विकट समस्या है। इस अवसर पर भूपिंदर सिंह, संजीव प्रेम सिंह, संजीव कुमार, नीना ठाकुर, सुमन बाला, राजिंदर कौर, सरिता अश्वनी, विजय शर्मा, भरत लाल, अरविन्द, प्रकाश आदि उपस्थित थे।