सिटरस अस्टेट भूंगा, छावनी कलाँ और इंडो इजऱायल प्रोजैक्ट सैंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर फ्रूट्स खनौड़ा का किया दौरा

होशियारपुर,26 दिसंबर(राजदार टाइम्स): अतिरिक्त मुख्य सचिव (विकास) अनिरुद्ध तिवाड़ी द्वारा जिले में बागबानी विभाग द्वारा किए जा रहे प्रयासों की समीक्षा के उपरांत सिटरस अस्टेट भूंगा, सिटरस अस्टेट छावनी कलाँ और इंडो इजरायल प्रोजैक्ट सैंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर फ्रूट्स (सिटरस) खनौड़ा का दौरा किया गया। अतिरिक्त मुख्य सचिव (विकास) अनिरुद्ध तिवाड़ी ने बागबानी विभाग द्वारा अलग-अलग फलों की सही ढग़ से खेती के लिए उठाए जा रहे कदमों पर तसल्ली प्रकट करते हुए किसानों को दी जा रही सुविधाओं का दायरा और बढ़ाने के निर्देश दिए। उन्होंने सिटरस अस्टेटों द्वारा किसानों को दी जा रही सुविधाएं जैसे कि किसानों को वाजिब रेट और ट्रैक्टर और आधुनिक मशीनरी मुहैया करवाना, मानक कीट-नाशक और उल्लीनाशक दवाएँ स्पलाई करना/मिट्टी और पत्ता परखने संबंधी सुविधाएं प्रदान करने आदि की सराहना की। डायरैक्टर बागबानी पंजाब शैलेंद्र कौर सहित बागबानी विभाग के प्रयासों की समीक्षा करते हुए अनिरुद्ध तिवाड़ी ने इस मौके पर सिटरस अस्टेटों के प्रशासनिक बोर्ड में शामिल किसानों के साथ बाग़बानी पेशे को और लाभप्रद बनाने के लिए विचार-विमर्श किया और किसानों को पोस्ट हारवैस्ट मैनेजमेंट और कोल्ड चेन सम्बन्धी सरकार द्वारा एग्रीकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड के अधीन दी जा रही सहायता का अधिक से अधिक फ़ायदा लेने के लिए प्रेरित किया। अतिरिक्त मुख्य सचिव द्वारा सैंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर फ्रूट्स (सिटरस), खनौड़ा के दौरा करने के समय सैंटर में किये जा रहे खोज कार्य का जायज़ा लिया और मानक फलदार पौधे तैयार करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले ढंग/तकनीकें अन्य विकास नर्सरी में लागू करने के आदेश दिए।
शैलेंद्र कौर ने किसानों को किन्नू फल की खुराक और मेडिसनल महत्ता संबंधी बताते हुए कहा कि इस फल के अलावा इसके छिलके आदि से पील आईल, ऐंटीबायोटैक और अन्य दवाएँ बनाने की संभावना है, जोकि इसके मंडीकरण और माँग में भारी वृद्धि करने के समर्थ है। उन्होंने विभाग के अधिकारियों को इस दिशा में काम करने के आदेश दिए। सिटरस अस्टेट छावनी कलां में खादों की संतुलत प्रयोग करने और अनावश्यक खादों का प्रयोग रोकने के लिए मिट्टी और पत्ता परखने की सुविधा दी जा रही है, जिसका हर किसान को लाभ लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि जल्द ही बायोफर्टीलाईजर का उत्पादन भी शुरू किया जायेगा। जिससे जीवाणुओं की मदद से जमीन में फ़ाल्तू पड़े तत्वों को पौधे के लिए उपयोगी बनाकर उर्वरकों के ख़र्च को घटाया जा सकेगा। इस मौके पर डिप्टी डायरैक्टर बागबानी मुखत्यार सिंह, सहायक डायरैक्टर बाग़बानी, सिटरस अस्टेट होशियारपुर जसविन्दर सिंह, सहायक डायरैक्टर बागबानी, सिटरस अस्टेट भूंगा शम्मी कुमार, सहायक डायरैक्टर बागबानी दलबीर सिंह, जसपाल सिंह, बलविन्दर सिंह (दोनों बागबानी विकास अफ़सर), कुलवंत सिंह, छाउनी कलाँ, हरबिन्दर सिंह संधू, यशवंत सिंह चौटाला, बलजीत सिंह बल्ली, परमजीत सिंह पम्मी, हरभजन सिंह, हरजिन्दर सिंह ढिल्लों, हरजीत सिंह, संधरां और बागबानी विभाग के अन्य अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे।