चालीस साल तक सांसद रहे पूर्व प्रधानमंत्री : राणा रघुनाथ/संजीव मन्हास  

दसूहा,25 दिसंबर(राजदार टाइम्स): आज पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपायी की जयंती के आवसर पर भाजपा देहाती मंडल के अध्यक्ष किरपाल सिंह की अध्यक्षता में समारोह का आयोजन किया गया। समारोह में जिला अध्यक्ष संजीव मन्हास, पूर्व चेयरमैन मीडियम इंडस्ट्री बोर्ड तथा पूर्व भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष राघुनाथ सिंह राणा विशेष तौर पर उपस्थित रहे। इस अवसर पर सभी महानुभावों ने पूर्व प्रधानमंत्री को श्रद्धासुमन भेंट किये। रघुनाथ राणा तथा संजीव मन्हास ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर, 1924 को मध्यप्रदेश के ग्वालियर में रहने वाले एक स्कूल शिक्षक के परिवार में हुआ। पिता कृष्णबिहारी वाजपेयी हिन्दी व ब्रज भाषा के सिद्धहस्त कवि भी थे। अत: काव्य कला उन्हें विरासत  में मिली। उन्होंने अपना करियर पत्रकार के रूप में शुरू किया था और राष्‍ट्रधर्म, पांचजन्य और वीर अर्जुन का संपादन किया। उन्होंने कहा कि वाजपेयी अपने छात्र जीवन के दौरान पहली बार राजनीति में तब आए जब उन्होंने वर्ष 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन में भाग लिया। वह राजनीति विज्ञान और विधि के छात्र थे और कॉलेज के दिनों में ही उनकी रुचि विदेशी मामलों के प्रति बढ़ी। 1951 में भारतीय जन संघ में शामिल होने के बाद उन्होंने पत्रकारिता छोड़ दी। आज की भारतीय जनता पार्टी को पहले जन संघ के नाम से जाना जाता था।वाजपेयी जी राजनीति के क्षेत्र में चार दशकों तक सक्रिय रहे। वह लोकसभा  में नौ बार और राज्यसभा में दो बार चुने गए जो कि अपने आप में ही एक कीर्तिमान है। वाजपेयी 1980 में गठित भाजपा के संस्थापक अध्यक्ष भी रहे। दोनों नेताओं ने कहा कवि हृदय वाजपेयी अपनी राजनीतिक प्रतिबद्धता के लिए जाने जाते थे। 13 अक्टूबर 1999 को उन्होंने लगातार दूसरी बार राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की नई गठबंधन सरकार के प्रमुख के रूप में भारत के प्रधानमंत्री का पद ग्रहण किया। वे 1996 में बहुत कम समय के लिए प्रधानमंत्री बने थे।इसके अलावा विदेश मंत्री, संसद की विभिन्न महत्वपूर्ण स्थायी समितियों के अध्यक्ष और विपक्ष के नेता के रूप में उन्होंने आजादी के बाद भारत की घरेलू और विदेश नीति को आकार देने में एक सक्रिय भूमिका निभाई।उन्होंने कहा आजीवन अविवाहित रहे अटलजी को अटलजी को 2015 में सर्वोच्च सम्मान ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया गया। उन्हें भारत के प्रति निस्वार्थ समर्पण और समाज की सेवा के लिए भारत का दूसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण दिया गया। 1994 में उन्हें भारत का ‘सर्वश्रेष्ठ सांसद’ चुना गया। इनके अलावा भी उन्हें कई पुरस्कार, सम्मान और उपाधियों से नवाजा गया।विशेष : परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्रों से बिना डरे वाजपेयी के नेतृत्व में भारत ने वर्ष 1998 में राजस्थान के पोखरण में द्वितीय परमाणु परीक्षण किया। इसकी अमेरिका की खुफिया एजेंसी सीआईए को भनक तक नहीं लग पाई। अटल जी नेहरू व इंदिरा गांधी के बाद सबसे लंबे समय तक गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री भी रहे। .था। अटल बिहारी वाजपेयी जी का किडनी में संक्रमण और कुछ अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के चलते अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में 16 अगस्त 2018 को दल निधन हो गया। इस अवसर पर प्रभारी संजीव भारद्वाज, शिवपाल विर्दी, बिशन सिंह, कपिल शर्मा, सरवण कुमार, गगनदीप सिंह, कर्ण सिंह, कमल, राम लाल तथा अन्य कार्यकर्त्ता उपस्थित थे।