रोमानिया में मिला बहुत प्यार, लोगों ने दिया पैसे व सिम कार्ड
पठानकोट,(बिट्टा काटल, राज चौधरी): रोमानिया के लोगों ने भी हमें बहुत प्यार दिया, जिसे वह कभी भुला नहीं पाएंगी। रोमानिया के लोगों ने उन्हें खाने-पीने का सामान तथा नए सिम काडऱ् भी दिए, ताकि वे अपने परिवार से फोन पर बात कर सकें। यह शब्द पठानकोट के शास्त्री नगर निवासी जिया मल्होत्रा व तन्वी सैनी जोकि यूक्रेन से लौटीं है ने एक विशेष बातचीत करते हुए कहे। उन्होंने कहा कि जंग के माहौल में सब सहमे हुए थे। लेकिन भारतीय छात्रों से रूस और यूक्रेनी सैनिकों ने सम्मान से वार्ता की और रोमानिया पहुंचाने में मदद भी की। जिया मल्होत्रा व तन्वी सैनी ने देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवंम भाजपा पंजाब के अध्यक्ष अश्वनी शर्मा का भी आभार व्यक्त किया। तन्वी के पिता एसडीओ संजीव सैनी ने बताया कि उनकी बेटी तथा जिया दोनों ही सुरक्षित घर पहुंच चुके हैं और इस बात के लिए वे भारत सरकार के तैहेदिल से आभारी हैं। जानकारी देते हुए तन्वी ने बताया कि इवैनो से उन्हें छोडऩे आया वाहन रोमानिया बार्डर से नौ किलोमीटर पहले ही उतार कर चला गया था। इस कारण उन्हें रोमानिया बार्डर तक नौ किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ा। साथ ही उसका कहना था कि जैसे ही वह और उसके साथ जिया और 11 अन्य लोग रोमानिया बार्डर पर पहुंचे। उसके बाद उन्हें किसी तरह की कोई दिक्कत पेश नहीं आई। रोमानिया पहुंचने के बाद उन्हें सभी आवश्यक चीजें, खाना आदि दिया गया। तन्वी ने बताया कि रोमानिया में उन्हें लोगों ने पैसे भी दिए, हर तरह की मदद की। तन्वी बताती हैं कि वहां बहुत प्यार मिला। वहां से बस से नौ घंटे का सफर कर वो एयरपोर्ट पहुंचे। वहां पहुंचने के कुछ देर बाद ही उनकी दिल्ली की फ्लाइट थी।
अब चिंता हुई कम, बेटी पहुंची रोमानिया कहा सूरम सिंह ने
गुरु गोविंद सिंह नगर निवासी करिश्मा रोमानिया बार्डर पार कर चुकी हैं, जोकि यूक्रेन के कीव में फंसी थीं। जानकारी देते हुए करिश्मा के पिता सूरम सिंह ने बताया कि उनकी बेटी के रोमानिया पहुंचने के बाद परिवार ने राहत की सांस ली है। अब करिश्मा भी जल्द घर आ जाएगी।
अभी फसे है कुछ छात्र यूक्रेन में
यूक्रेन में फंसे पठानकोट के बच्चों में से तन्वी सैनी और जिया मल्होत्रा अपने घर पहुंच पाए हैं। जबकि साक्षी, आकांक्षा, इशिता और प्राची समेत अन्य बच्चे अभी यूक्रेन के खारकीव में फंसे हैं।