केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार को सत्ता से बाहर करने की कोशिश में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पिछले साढ़े तीन महीने से जोरदार चुनाव अभियान चलाया। लोकसभा चुनाव के लिए अपने प्रचार अभियान के दौरान राहुल गांधी ने करीब 150 रैलियां और रोडशो करने के साथ-साथ प्रेस वार्ताएं कर अपनी पार्टी का नजरिया जनता के सामने रखा।
यह चुनाव कांग्रेस के लिए काफी अहम माना जा रहा है क्योंकि पिछले लोकसभा चुनाव 2014 में कांग्रेस महज 44 सीटों तक सिमट कर रह गई थी। राहुल गांधी ने इस चुनाव में आम आदमी से जुड़े मसलों पर ज्यादा जोर देते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को घेरने की कोशिश की, जबकि भाजपा ने राष्ट्रवाद को अपना मुख्य चुनावी मुद्दा बनाया।
राहुल ने वैसे तो पूरे देश में अपना चुनाव अभियान चलाया लेकिन सीट औसत के लिहाज से उनका दौरा बिहार में सबसे ज्यादा रहा जहां महागठबंधन के हिस्सा के रूप में कांग्रेस लोकसभा की 40 सीटों में से सिर्फ नौ सीटों पर चुनाव लड़ रही है। राहुल गांधी ने तीन फरवरी से बिहार में लोकसभा चुनाव के लिए अपने चुनावी अभियान का आगाज करते हुए सात बार प्रदेश का दौरा किया।
कांग्रेस अध्यक्ष उत्तर प्रदेश के अमेठी और केरल के वायनाड लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। उन्होंने दोनों संसदीय क्षेत्रों में चुनाव प्रचार किया। इस दौरान वह तीन बार अमेठी और दो बार वायनाड के दौरे पर गए। अमेठी में 10 अप्रैल को रोड शो करने के अलावा गांधी ने 22 अप्रैल को तीन जगहों पर रैलियां की। इसके बाद उन्होंने 27 अप्रैल को क्षेत्र में दो जगहों पर जनसभाओं को संबोधित किया। उन्होंने चार अप्रैल को वायनाड में अपना पर्चा दाखिल किया और 17 अप्रैल को एक जनसभा को संबोधित किया।
उत्तर प्रदेश में लोकसभा की 80 सीटें हैं जहां समाजवादी पार्टी (सपा), बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) गठबंधन से अलग रहते हुए कांग्रेस अपने बलबूते चुनाव लड़ रही है। गांधी ने उत्तर प्रदेश में फरवरी से अपने चुनावी अभियान शुरू कर राज्य के 11 दौरे किए जहां उन्होंने रैलियां और रोड शो करके मतदाताओं को अपने पक्ष में करने की कोशिश की। वह 20 फरवरी को अपने दौरे के दौरान सीआरपीएफ के शहीद जवानों के परिवारों से भी मिले। प्रदेश में उनकी आखिरी जनसभा 16 मई को हुई।
कांग्रेस नेताओं ने बताया कि चुनाव अभियान के दौरान राहुल ने मध्य प्रदेश के नौ दौरे किए और वह सात बार राजस्थान गए जहां उन्होंने कई रैलियों को संबोधित किया। फरवरी के बाद वह चार बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृह राज्य गुजरात के दौरे पर गए।राहुल गांधी ने अपने चुनावी अभियान के दौरान मोदी पर अहंकारी और प्रतिशोधी होने का आरोप लगाया और खुद को लोकतांत्रिक, संवेदनशील और आसानी से जनता से मिलने वाला बताया। इस दौरान लगातार अपने हमलावर तेवर के कारण वह मोदी के प्रबल आलोचक के रूप में उभरे।
गांधी ने भाजपा और विचारधारा से उसके संरक्षक आरएसएस पर समाज को बांटने और नफरत फैलाने का आरोप लगाया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वह इस नफरत को प्यार से जीतेंगे। पिछले साल संसद में बहस के दौरान उन्होंने मोदी को गले लगाया था। लोकसभा चुनाव प्रचार अभियान के दौरान कांग्रेस ने न्याय (न्यूनतम आय योजना) की घोषणा की, जिसके तहत देश में सबसे गरीब 20 फीसदी परिवारों को 72,000 रुपये सालाना आय प्रदान करने का वादा किया गया है। गांधी ने रोजगार सृजन, स्वास्थ्य सेवा और बुनियादी ढांचा मजबूत कर अर्थव्यवस्था को रफ्तार प्रदान करने के उपायों की घोषणा की है।