केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने शनिवार को चुनाव आयोग को लेकर हो रहे विवाद पर टिप्पणी से इनकार कर दिया और कहा कि चुनाव आयोग में अनबन की खबरें उसका आंतरिक मामला है। प्रसाद ने मीडिया से कहा, “यह चुनाव आयोग का आंतरिक मामला है और कुछ भी कहना सही नहीं है।”

रिपोर्ट्स के अनुसार, निर्वाचन आयुक्त अशोक लवासा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को क्लीन चिट दिए जाने के मामले में अपनी असहमति को रिकॉर्ड नहीं किए जाने को लेकर आदर्श आचार संहिता से संबंधित आयोग की बैठकों से दूर रहने का फैसला किया है। रिपोर्ट्स पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा के गठबंधन सहयोगी अजय आलोक ने कहा कि चुनाव आयोग मामले को देख रहा है। उन्होंने कहा, “चुनाव आयोग एक स्वतंत्र संवैधानिक निकाय है और सरकार को इस पर दबाव नहीं डालना चाहिए और इसकी कार्यप्रणाली को प्रभावित नहीं करना चाहिए।” विपक्षी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता शिवानंद तिवारी ने मामले को लेकर सरकार पर निशाना साधा और कहा इससे पता चलता है कि आयोग सही से काम नहीं कर रहा था और भाजपा, मोदी और शाह के प्रति कुछ झुकाव था। उन्होंने कहा, “निर्वाचन आयुक्त अशोक लवासा को इस मामले में सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाना चाहिए।”

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