वृंदावन से पधारे महाराज योगेश आनंद के द्वारा 7 दिनों तक की गई भागवत कथा
गीता में बताई गई जीवन जीने की सारी कलाएं : महाराज योगेश आनंद
भागलपुर,(बिहार),(राजदार टाइम्स):
ज्ञात हो कि भागवत कथा सनातन संस्कृति अहम हिस्सा है एवं अनेक वर्षों से घर-घर हर स्थान पर भागवत कथा का वाचन होता है। इसी क्रम में विगत स्थानीय चुनिहारी टोला में नवल भिवानी वाला जीके निवास पर मौजूद ठाकुरबाड़ी में भागवत कथा लगातार हो रही थी। सातवें दिन इसका विधिवत समापन हुआ। आज सुदामा चरित्र एवं भागवत की पूर्ण आवृत्ति के साथ भगवान के भक्त नरसी मेहता मीराबाई एवं महाभारत प्रसंग में भगवान कृष्ण के द्वारा किए गए कार्यों की चर्चा भागवत के दौरान की गई। चाँद झुनझुनवाला ने कहा कि महाराज योगेश आनंद ने बताया कि भक्त अपनी भक्ति से भगवान को प्रसन्न कर सकता है। भगवान भी अपने भक्तों के भाव को देखते हुए उन्हें विभिन्न प्रकार के यश प्रदान करते हैं। भक्तों की भक्ति से भगवान से मनचाहा वरदान प्राप्त कर सकते हैं। हम अपनी भक्ति से भगवान के धाम को प्राप्त कर सकते हैं। नरसी मेहता मीराबाई ने भी भगवान की भक्ति में रमते हुए भगवान की भक्ति की थी, इन जैसे भक्तों के पास भक्ति का धन होता है।

जो किसी भी ऐश्वर्य और अन्य धन से बढक़र होता है। जो कभी समाप्त होने वाला नहीं होता है। साथ ही सुदामा ने भी भगवान कृष्ण से बिना कुछ मांगे लगातार भगवान की भक्ति में लगे रहे और भगवान ने भी उन्हें अपना सर्वस्व प्रदान कर दिया। महाभारत के समय में भी भगवान ने कौरव पांडव के बीच शांति का प्रस्ताव रखा था, परंतु कौरवों के द्वारा नकारा जाने के बाद युद्ध के मैदान में भगवान ने बुराई का अंत करते हुए पांडवों को उनका राजपाट दिलाया महाभारत के युद्ध में भगवान कृष्ण ने अर्जुन के बहाने समूची दुनिया को गीता का ज्ञान दिया गीता का उपदेश दिया। जो आज हर व्यक्ति के लिए आवश्यक बन गया है। गीता में जीवन जीने की सारी कलाएं बताई गई हैं। गीता में जीवन का सार है, गीता के बताए गए मार्ग पर चल कर कोई भी व्यक्ति अपनी हर कामना मनोकामना पूरी कर सकता है। उन्नति का मार्ग प्रशस्त कर सकता है। आज भागवत गीता और उसके उपदेश भगवान के ही रूप हैं एवं हर व्यक्ति को हर घर में गीता का पाठ गीता के श्लोक लोगों को करना चाहिए। आधुनिक युग में यह भी प्रसांगिक है। आज के समय में हर मानव विभिन्न प्रकार क्रियाकलापों में लगा हुआ है। साथ ही घर में बच्चों में युवकों में आज के समय गीता का उपदेश अत्यंत आवश्यक है। आज पूरे विश्व में एक अलग प्रकार की उथल-पुथल मची है। विस्तार वादी नीति के कारण आपस में ही लोग उलझ रहे हैं। विश्व में शांति स्थापना के लिए एवं कल्याण के लिए भी भागवत काफी कारगर है। भागवत के मुख्य अवसर पर नवल भिवानी वाला, निर्मल भिवानी वाला, दीपक भिवानी वाला, चांद झुनझुनवाला, केशव प्रिया, सुनीति शर्मा, सरोज देवी, प्यारी देवी, शांति देवी, अर्चना कनोडिया, माया देवी आदि के अलावा भारी संख्या में भगतजन शामिल हुए।

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