हर वर्ष उत्तर भारत के विभिन्न राज्यों से लाखों की संख्या में पहुंचते है श्रद्धालुगण
मनोकामना पूर्ण होने के साथ-साथ काल सर्प दोष से सम्बन्धित समस्याओं से मिलती है मुक्ति
बागपत,(विवेक जैन/राजदार टाइम्स):
उत्तर प्रदेश के बागपत जिले मेें स्थित सर्प मन्दिर में सर्प देवता को बमी वाले बाबा के नाम से पूजा जाता है। हर वर्ष उत्तर भारत के विभिन्न राज्यों से लाखों की संख्या में श्रद्धालुगण इस मन्दिर के दर्शन करने के लिये आते है। बागपत जिले के डौलचा गांव के खेतो में स्थित इस मन्दिर को चकबंदी वाले देवता के नाम से भी जाना जाता है। मनोकामना पूर्ण होने के साथ-साथ काल सर्प दोष से सम्बन्धित समस्याओं से भी मुक्ति मिलती है। बताया जाता है कि पहले यहॉ पर 20 से 50 घरों का चकबंदी मुकरम्मपुर नाम का गांव होता था। इसी गांव के नाम पर इनको चकबंदी वाले देवता के नाम से जाना जाता है। समय के साथ-साथ गांव के लोग गांव छोड़ कर चले गये और गांव विलुप्त हो गया। मन्दिर के पंडि़त नरेन्द्र ने बताया कि उनकी कई पीढिय़ा इस मन्दिर की देखभाल करती आ रही है और अब वह कर रहे है। बताया कि मन्दिर सैंकड़ो वर्ष पुराना है। पहले यह साधारण था और अब भक्तगणों ने इसको भव्य रूप दे दिया है। हर दीपावली और होली पर लाखों की संख्या में लोग बाबा के दर्शन करने के लिये आते है। इसके अलावा हर रविवार को भी यहां भारी संख्या में भक्तो की भीड़ देखी जाती है।
मन्दिर से जुड़ी कहानी
पण्डि़त नरेन्द्र ने बताया कि प्राचीन समय की बात है। जब किसान अपने खेत में हल चला रहा था तो खेत से सैंकड़ो की संख्या में सर्प निकले। उस समय सर्प देवता ने उस किसान से अपने लिये इस स्थान को छोडऩे का आग्रह किया। किसान ने भी सहर्ष सर्प देवता की बात मानते हुए खेत के उस हिस्से की जमीन सर्प देवता के लिये छोड़ दी। इसके बाद सर्प देवता अपने बिल में चले गये। इसी स्थान पर सर्प देवता को बमी वाले बाबा के नाम से तभी से पूजा जाता है।

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