कविता से 15 साल की बेटी ने किया पिता की शहादत को नम्न
अमर शहीदों की बदौलत बरकरार है राष्ट्र की एकता व अखंडता : जिलाधीश अनुराधा गुप्ता
नम आंखों से किया शौर्य चक्र विजेता की शहादत को नम्न
सांबा,बिट्टा काटल):
यू तो दुनिया के सारे गम मैं हंस कर ढो लेती हूं, पर पापा जब भी आपकी याद आती है, मैं रो देती हूं। 15 वर्ष की बेटी की यह कविता अपने शहीद पिता को अश्रुपूर्ण श्रद्घांजलि है। सांबा के निकट गांव दड़ुई में सेना की फस्र्ट पैरा रैजीमेंट के शौर्यचक्र विजेता शहीद हवलदार राकेश शर्मा का 13वां श्रद्घांजलि समारोह आयोजित किया गया। जिसमें शहीद हवलदार राकेश शर्मा की 15 वर्षीय बेटी दीक्षा भारती ने अपने शहीद पिता को समर्पित खुद की लिखी यह कविता जब सुनाई तो श्रद्घांजलि समारोह में मौजूद सैन्य व प्रशासनिक अधिकारियों के साथ-साथ समारोह में उपस्थित अन्य लोगों की आंखें भर आई। शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद के महासचिव कुंवर रविन्द्र सिंह विक्की की अध्यक्षता में आयोजित इस श्रद्घांजलि समारोह में सांबा की जिलाधीश अनुराधा गुप्ता बतौर मुख्य मेहमान शामिल हुई। इनके अलावा शहीद की माता बिमला देवी, पिता रत्न चंद, पत्नी रजनी देवी, बेटी दीक्षा भारती, बेटी दिशांत शर्मा, एस.एस.पी सांबा राजेश शर्मा, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मंत्री डॉ.दविन्द्र मनिपाल, परिषद के प्रैस सचिव बिट्टा काटल, पुलवामा हमले के शहीद कांस्टेबल मनिन्द्र सिंह के पिता सतपाल अत्री, शहीद सिपाही मक्खन सिंह के पिता हंस राज, शहीद सिपाही जतिन्द्र कुमार के पिता राजेश कुमार, शहीद की यूनिट के मेजर नवजीत सिंह, तहसीलदार रामपाल, ए.सी.आर जतिन्द्र मिश्रा आदि ने विशेष मेहमान के तौर पर शामिल होकर शहीद को श्रद्घासुमन अर्पित किए। सर्वप्रथम मुख्यातिथि व अन्य मेहमानों ने शहीद की प्रतिमा के समक्ष पुष्पांजलि अर्पित कर शहीद को नमन किया गया तथा सेना की 6 जैक एल.आई के जवानों ने शस्त्र उलटे कर बिगुल की मातमी धुन से शहीद को सलामी दी। श्रद्घांजलि समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यातिथि डी.सी अनुराधा गुप्ता ने कहा कि जब-जब देश की सुरक्षा को खतरा पैदा हुआ तो हवलदार राकेश शर्मा जैसे सीमा प्रहरियों ने दुश्मन के कुटिसत इरादों को नेस्तानाबूद करते हुए अपना बलिदान देकर राष्ट्र की एकता व अखंडता को बरकरार रखा है। उन्होंने कहा कि मैं अपने आपको सौभाग्यशाली मानती हूं कि कुछ दिन पहले ही बतौर जिलाधीश कार्यभार संभालने के बाद वह पहली बार अपने दफ्तर से बाहर निकल एक शहीद के श्रद्घांजलि समारोह का हिस्सा बनी हैं तथा एक शहीद व उनके परिजनों के आशीर्वाद से बतौर जिलाधीश अपनी नियुक्ति का सफर शुरू कर रही हैं। उन्होंने कहा कि एक अमर शहीद की आत्मा को तभी शांति मिलेगी, जब उनके बलिदान को जिंदा रखने के लिए हर देशवासी राष्ट्र निर्माण में अपना बहुमूल्य योगदान देकर शहीदों के सपनों को साकार करे। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन इस दु:ख की घड़ी में शहीद परिवार के साथ खड़ा है तथा उनके सम्मान में कमी नहीं आने दी जाएगी तथा इस सरकारी स्कूल में शहीद हवलदार राकेश शर्मा की याद में स्मारक बनाया जाएगा। इस अवसर पर मुख्यातिथि द्वारा शहीद के परिजनों सहित 10 अन्य शहीद परिवारों को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। इस मौके पर सरपंच बिमला देवी, संदीप शर्मा, बी.डी.ओ साहिल बलगोतरा, थाना प्रभारी सुधीर सधोतरा, सोशल क्लब सांबा के अध्यक्ष सुनील कुमार, सरपंच सुनील चौधरी, गिरधारी लाल चौधरी, अजय कुमार, प्रवीण कुमार आदि उपस्थित थे।
देश की बहुमूल्य विरासत है राकेश जैसे जांबाजों की शहादत : कुंवर विक्की
परिषद के महासचिव कुंवर रविन्द्र सिंह विक्की ने कहा कि शहीद हवलदार राकेश शर्मा जैसे जांबाज सैनिकों की शहादत देश की बहुमूल्य विरासत है। जिसने अपने प रिवारिक संबंधों का परित्याग कर राष्ट्रहित में प्राणों की आहुति देकर सवा सौ करोड़ देशवासियों को यह संदेश दिया कि एक सैनिक के लिए परिवार से पहले उसका देश होता है, जिसकी सुरक्षा के लिए वो आखिरी सांस व अंतिम गोली तक दुश्मन का मुकाबला करते हुए अपना सैन्य धर्म निभाने को बचनवद्घ हैं।
असराहनीय है शहादत का दर्द : डॉ.मनिपाल
पूर्व मंत्री डॉ.दविन्द्र मनिपाल ने कहा कि हर जख्म भर जाता है, मगर शहादत का जख्म असहनीय होता है। जिसके घर का चिराह वतन पर कुर्बान हो जाता है, वह परिवार बिखर जाता है, ऐसे में हम सबका यह फर्ज बनता है कि इन शहीद परिवारों को उचित मान सम्मान देकर उनका मनोबल बढ़ाएं।
राकेश शर्मा ने अपना बलिदान देकर इस गांव का नाम देश में किया रोशन : राजेश शर्मा
जिला पुलिस कप्तान राजेश शर्मा ने कहा कि हवलदार राकेश शर्मा ने अपना बलिदान देकर इस गांव का नाम सारे देश में रोशन किया है। शहीद की यूनिट के मेजर नवजीत सिंह ने कहा कि शहीद हवलदार राकेश शर्मा हमारी यूनिट के गौरव हैं तथा उनके बलिदान से हमारे जवना हमेशा प्रेरणा लेते रहेंगे।

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