चण्ड़ीगढ़,(राजदार टाइम्स): अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ सरस्वती वंदना से पूर्णिमा कौशिक ने एवं अतिथि परिचय एवं स्वागत भाषण राष्ट्रीय सचिव अर्पणा जोशी ने दिया संस्था का प्रतिवेदन एवं प्रस्तावना महिला इकाई की राष्ट्रीय महासचिव गरिमा गर्ग ने प्रस्तुत किया। हमारे लिपिक की संस्कृति से एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक सहज रूप से संदेश दिया जाता है। नागरी लिपि को संपर्क लिपि एवं जोड़ लिपि भी कहते हैं जो भारत की एकता और अखंडता की कड़ी है। नागरी लिपि से देश एक रहेगा और हम एक दूसरे से संपर्क कर सकते हैं। अत: हम कह सकते हैं कि भारत की लिपि विश्व लिपि देवनागरी है। संगोष्ठी में राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ.रश्मि चौबे बालासाहेब तोरस्कर राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष श्रीमती स्वर्णा जाधव डॉक्टर मुक्ता कौशिक दिव्या पांडे डॉ.प्रतिभा ने भी विचार व्यक्त किए। संगोष्ठी की अध्यक्षता डॉक्टर हरिसिंह पाल महामंत्री नागरी लिपि परिषद नई दिल्ली अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि नागरी लिपि परिषद के सहयोग से देवनागरी लिपि विश्व लिपि बनने जा रही है। हम सब अपनी लिपि का ही प्रयोग करें। संगोष्ठी के विशिष्ट वक्ता एवं राष्ट्रीय महासचिव डॉक्टर प्रभु चौधरी ने बताया कि देवनागरी लिपि को अपने व्यवहारिक जीवन में अपनाने का आह्वान किया। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी द्वारा स्थापित एवं पूज्य विनोबा भावे द्वारा संकल्पित देवनागरी लिपि आज विश्व में पटल पर छाई हुई है जिसका प्रयोग भारत के साथ-साथ विदेशों में भी हो रहा है। संगोष्ठी में विश्व हिंदी संस्थान प्रयागराज के महासचिव गोकुलेश्वर कुमार डॉ.सतीश चंद्र रायपुर, डॉ.पूर्णिमा झंडे, सुनीता गर्ग, रोहिणी डाबरे, अनिल शुक्ला, सुनीता तिवारी, डॉ.सुनीता मंडल कोलकाता, श्रीराम शर्मा परिंदा आदि उपस्थित रहे। संगोष्ठी का संचालन राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉक्टर मुक्ता कौशिक ने एवं आभार प्रदर्शन महिलाराष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर शिवा लोहारिया जयपुर ने किया। संगोष्ठी के मुख्य अतिथि सुरेश चंद्र शुक्ला, शरद आलोक ओस्लो नार्वे ने अपने वक्तव्य में कहा कि देवनागरी लिपि ही सर्वमान्य सहज सरल लिपि है जो विश्व में अधिकांश देशों में लिखी जाती है। आचार्य विनोबा भावे ने कहा कि नागरी लिपि को अपनाने से राष्ट्रीय एवं विश्व मजबूत होगा आपने अनेक उदाहरणों के माध्यम से भाषा में लिपि के लिए संगठित होने का आह्वान किया। सारगर्भित उद्बोधन राष्ट्रीय शिक्षक संघ चेतना के कार्यकारी अध्यक्ष डॉक्टर शहाबुद्दीन शेख पुणे महाराष्ट्र ने संस्था के वेबीनार के विषय सार्वभौमिक लिपि के रूप में विश्व नागरी उपलब्धि और संभावनाएं पर मुख्य वक्ता के रूप में व्यक्त किए।
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