नम आंखों से लांसनायक विक्रम दत्त की शहादत को किया गया नमन
दीनानगर,(राजदार टाइम्स):
भारतीय सेना की 235 बंगाल इंजीनियर रैजीमेंट के शहीद लांसनायक विक्रम दत्त का 14वां श्रद्धांजलि समारोह सीमावर्ती गांव मराड़ा में उनके निवास स्थान पर इंडियन एक्सन सर्विसमैन लीग के जिला उपाध्यक्ष सूबेदार शक्ति पठानिया की अध्यक्षता में आयोजित किया गया। जिसमे शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद के महासचिव कुंवर रविंदर सिंह विक्की बतौर मुख्य मेहमान शामिल हुए। इनके अलावा शहीद की माता सोमा देवी, भाई सुरेंद्र कुमार व युद्धवीर, बहनें सुनीता, रानी व मीना, भाभी कमलेश, शहीद सिपाही जतिंदर कुमार के पिता राजेश कुमार, शहीद सिपाही मक्खन सिंह के पिता हंस राज, शहीद सिपाही कुलदीप कुमार के पिता बंत राम आदि ने विशेष मेहमान के रुप में शामिल होकर शहीद को श्रद्धासुमन अर्पित किए। सर्वप्रथम शहीद की माता सोमा देवी व अन्य मेहमानों ने शहीद के चित्र के समक्ष ज्योति प्रज्जवलित व पुष्पांजलि अर्पित कर कार्यक्रम का आगाज किया। श्रद्धांजलि समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यातिथि कुंवर रविंदर सिंह विक्की ने कहा कि शहीद राष्ट्र का सरमाया होते हैं। जो कौमें व देश अपने शहीदों व उनके परिजनों को भुला देते हैं, उनका अस्तित्व मिट जाता है। उन्होंने कहा कि शहीद लांसनायक विक्रम दत्त त्याग व बलिदान की एक ऐसी मूर्त थे। जिसकी मिसाल बहुत कम देखने को मिलती है, क्योंकि इस बहादुर सैनिक की दस दिनों के बाद शादी थी, घर पर मां शगुनों के गीत गा, सेहरे की लडिय़ां बुन रही थी, मगर सरहद पर खड़ा बेटा अपना सैन्य धर्म निभाते हुए अपना बलिदान देकर वीरगति को दुल्हन के रुप में गले लगा देशवासियों को कश्मीर की वादियों से अंतिम सैल्यूट करते हुए यह संदेश दे गया कि खुश रहो एहले वतन अब हम तो सफर करते हैं। ऐसे जांबाजों का बलिदान देश की भावी पीढ़ी के लिए प्रेरणास्रोत है। उन्होंने गांव के युवाओं को संदेश देते हुए कहा कि इस सीमावर्ती गांव मराड़ा का नाम एक शहीद के नाम के साथ जुड़ा है। इस लिए वह कोई भी ऐसा काम न करें, जिससे विक्रम दत्त की शहादत की गरिमा को ठेस पहुंचे। वे सब संकल्प लें कि शहीद विक्रम की तरह सेना में भर्ती होकर इस गांव का नाम रोशन करेंगे। इस मौके पर सरपंच बोधराज ने आए मेहमानों का धन्यवाद किया। मुख्यातिथि द्वारा शहीद के परिजनों सहित छह अन्य शहीद परिवारों को दोशाले भेंटकर सम्मानित किया। इस अवसर पर पूर्व सरपंच राम लुभाया, विशाल, दीपक सैनी, नानक चंद, सुखविंदर सिंह, संदीप कुमार, रिशब कुमार, बलजीत कुमार, मनजीत सिंह, अमित कुमार आदि उपस्थित थे।

खुशकिस्मत है वो सैनिक जिसका जीवन काम आता देश के लिए : पठानिया
सूबेदार शक्ति पठानिया ने कहा कि वर्षों की तपस्या के बाद एक शहीद पैदा होता है तथा वो सैनिक खुशकिस्मत है, जिसका जीवन देश के काम आता है। उन्होंने कहा कि एक सैनिक के लिए राष्ट्र सर्वोपरि होता है, जिसके लिए वह अपने परिवार का भी परित्याग करने से पीछे नहीं हटता।

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