स्वामी जी के आशीर्वाद की बदौलत ही आज हम लोग इस मुकाम तक पहुंच पाए हैं कहा, प्रिंसिपल डॉ.समीर शर्मा ने
मुकेरियां,18 नवंबर(राजदार टाइम्स): स्वामी प्रेमानंद महाविद्यालय में स्वामी प्रेमानंद जी की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन प्रिंसिपल डॉ.समीर शर्मा की अध्यक्षता में कॉलेज सेमिनार हॉल में आयोजित किया गया। कार्यक्रम की मंच संचालिका डॉक्टर सोनिया शर्मा ने स्वामी प्रेमानंद जी के जीवन, कॉलेज के प्रति उनके अवदान और कॉलेज निर्माण के पीछे उनकी प्रेरणा जैसे विषयों पर जानकारी दी और स्वामी जी के जीवन पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि स्वामी जी ने पंजाब विश्वविद्यालय और आगरा विश्वविद्यालय से एमए हिस्ट्री और उर्दू की डिग्रियां प्राप्त की और पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ में हिस्ट्री के प्रोफेसर के रूप में कार्यरत भी रहे। लेकिन उनके जीवन का ध्येय मनुष्य और मनुष्यता था। इसलिए उन्होंने अध्यापन कार्य को छोडक़र समाज धर्म और राष्ट्र के लिए अपने जीवन को समर्पित कर दिया। उन्होंने कई पुस्तकें भी लिखी। अपने जीवन काल में उन्होंने 92 देशों की यात्राएं की। अलग-अलग विश्वविद्यालयों में उन्होंने अलग-अलग विषयों पर मनुष्यता के साथ और मानवीय सोच के निर्माण के लिए कई लेक्चर दिए। उन्हें हिरोशिमा विश्वविद्यालय की तरफ से डॉक्टर ऑफ दिविनिटी की उपाधि से भी अलंकृत किया गया। अपने जीवन काल में उन्होंने मनुष्य के लिए नो कडियों इच्छा शक्ति, कल्पना शक्ति, उत्साह, विवेक, प्यार, सच्चाई, विश्वास, धैर्य और मुस्कुराहट जैसे गुणों को अपनाने की बात की। 23 अप्रैल 1966 को एक भयानक दुर्घटना में स्वामी जी इस संसार को छोडक़र हमेशा के लिए चले गये। उनकी याद में 1966 में स्वामी प्रेमानंद शिशु शिक्षा स्कूल खोला गया और 1971 में स्वामी प्रेमानंद महाविद्यालय की स्थापना की गई। प्रिंसिपल डॉ.समीर शर्मा ने कहा कि स्वामी जी के आशीर्वाद की बदौलत ही आज हम लोग इस मुकाम तक पहुंच पाए हैं। आज कॉलेज जिस प्रगति के पथ पर अग्रसर है वह स्वामी जी की प्रेरणा और उनके उददेश्य का ही परिणाम है। ऐसे महापुरुष रूप में सबके लिए आदर्श रूप में हमेशा हमारे अंतस में बसे रहने चाहिए। कॉलेज के समूह स्टाफ ने उनको श्रद्धा सुमन अर्पित करके श्रद्धांजलि दी।

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