कई समाज सेवी संस्थाओं ने जनहित में उठाया मुद्दा : भारती
मोगा,(कैप्टन सुभाष चंद्र शर्मा/राजदार टाइम्स):
सदियों से सनातन संस्कृति में गरीब, भूखे, प्यासे लोगों की मदद करने के लिए दानी सज्जनों द्वारा लंगर की व्यवस्था की गई। इस परंपरा को धर्म के साथ जोड़ा भी गया। इस व्यवस्था में धर्म प्रेमियों की ओर से शहरों में अक्सर सडक़ों पर जगह-जगह लंगर लगाए जाते हैं। सडक़ों पर इस तरह चाय, खाने पीने आदि चीजों के लंगर लगाए जाने को लेकर वी केयर वेलफेयर सोसायटी के अध्यक्ष वकील दिनेश गर्ग, प्रसिद्ध समाज सेवी वकील चंद्रभान खेड़ा, विश्व हिंदू परिषद के जिला मंत्री वकील वरिंदर गर्ग तथा श्री ब्राह्मण समाज से जुड़े कैप्टन सुभाष शर्मा ने इस व्यवस्था को लेकर इन धर्म प्रेमियों को जनहित में अपने विचार प्रकट करते हुए कहा कि सडक़ों पर लंगर लगाने से सडक़ों पर ट्रैफिक के साथ-साथ सफाई व्यवस्था की भी समस्या होती है। आते-जाते बिना जरूरत के भी कई लोग लंगर ग्रहण करते हैं। समाज सेवियों का कहना है कि हर मन्दिर में एक निश्चित समय पर रोजाना एक या दो समय लंगर व्यवस्था का प्रबंध किया जाना चाहिए और लंगर लगाने वाले धर्म प्रेमी वहां पर इस व्यवस्था में सहयोग दे। जिससे गरीब, मजदूर, जरूरतमंद व्यक्ति जरूरत पडऩे पर वहां से अपना पेट भर सके। समाज सेवियों ने मंदिर चलाने वाली कमेटियों से भी इस संबंध में आगे आने को कहा है ताकि हर मन्दिर में भी गुरु घरों की तरह ऐसी व्यवस्था हो सके। जिसका हर भूखे, प्यासे तथा जरूरतमंद को सही मायनों में लाभ पहुंच सके। इस प्रकार भोजन का दुरुपयोग भी नहीं होगा।

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