49 वर्ष पहले पाक सेना ने कमलजीत का सिर कलम कर दिखाई दरिंदगी
नम आंखों से किया कमलजीत की शहादत को नमन

पठानकोट,4 दिसम्बर(बिट्टा काटल राजदार टाइम्स ब्यूरो): वर्ष 1971 के भारत-पाक युद्घ में शहादत का जाम पीने वाले बीएसएफ की 20 बटालियन के वायरलैस आपरेटर नायक कमलजीत सिंह का 49वां श्रद्घांजलि समारोह बीएसएफ की 121 बटालियन के टूआईसी हिमांशु उंडेरिया की अध्यक्षता में भारत-पाक सीमा की जीरो लाइन पर स्थित बीएसएफ की सिंबल पोस्ट पर शहीद की याद में बने स्मारक पर आयोजित किया गया। जिसमें विधायक जोगिन्द्र पाल बतौर मुख्य मेहमान शामिल हुए। इनके अलावा शहीद के भांजे आगोश कुमार, शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद के महासचिव कुंवर रविन्द्र सिंह विक्की, कम्पनी कमांडर एसी शशिकांत खोबा, पुलवामा हमले के शहीद कांस्टेबल मनिन्द्र सिंह के पिता सतपाल अत्री, शहीद सिपाही दीवान चंद की पत्नी सुमित्री देवी व पौत्र संजय कुमार, सूबेदार शक्ति पठानिया आदि ने विशेष मेहमान के तौर पर शामिल होकर शहीद को श्रद्घासुमन अर्पित किए। सर्वप्रथम माधोपुर से आई 121 बटालियन के जवानों द्वारा शहीद नायक कमलजीत सिंह की समाधि पर शस्त्र उलटे कर बिगुल की मातमी धुन से उन्हें सलामी दी। उसके बाद मुख्यातिथि व बीएसएफ के अधिकारियों एवं अन्य मेहमानों ने शहीदी स्मारक पर रीथ चढ़ाकर शहीद को सैल्यूट किया। श्रद्घांजलि समारोह को संबोधित करते हुए विधायक जोगिन्द्र पाल ने कहा कि शहीद नायक कमलजीत सिंह जैसे अमर बलिदानियों की बदौलत ही राष्ट्र की एकता व अखंडता बरकरार है। जिन्होंने 49 वर्ष पहले पाक सेना को धूल चटाते हुए जिस शूरवीरता व अदम्य साहस का परिचय दिया। उसकी मिसाल बहुत कम देखने को मिलती है। वीरता का इतिहास रचने वाले ऐसे शूरवीरों की अमूल्य शहादत व शौर्य के समक्ष समूचा राष्ट्र नतमस्तक है। उन्होंने कहा कि जिस तरह हमारे जवान तनदेही से अपनी ड्यूटी निभाते हुए अपनी देशभक्ति का सबूत देते हैं। वहीं सभी देशवासियों का भी यह फर्ज बनता है कि अपना काम ईमानदारी से करते हुए तथा अपने वीर जवानों व शहीद परिवारों को पूरा मान सम्मान देकर अपनी देशभक्ति का सबूत देते हुए शहीदों के सपनों को साकार करें। उन्होंने कहा कि इंसान को अगर जीवन में कोई रोल निभाना है तो वह शहीद भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव सिंह व शहीद नायक कमलजीत सिंह जैसे निभाएं, जिसे लोग लम्बे समय तक याद रख सकें। इस अवसर पर मुख्यातिथि व बीएसएफ के अधिकारियों ने शहीद के भांजे आगोश कुमार को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। इस मौके पर सरपंच सुरजीत सिंह, कांग्रेस के युवा नेता शुभम कुमार साबू, ए.एस.आई अरुण कुमार व जगतार सिंह, शेर सिंह, तेजिन्द्र कश्यप, हरदेव सिंह आदि उपस्थित थे।

बीएसएफ के जवानों के लिए प्ररेणास्त्रोत है कमलजीत की शहादत: टूआईसी हिमांशु
बीएसएफ की 121 बटालियन के टूआईसी हिमांशु उंडेरिया ने कहा कि शहीद नायक कमलजीत सिंह की शहादत बीएसएफ के जवानों के लिए प्ररेणास्त्रोत है। उन्होंने कहा कि बीएसएफ देश की फसर््ट डिफैंस ऑफ लाइन सुरक्षा बल है। जिसके शौर्य की गूंज से सारा देश गौरवान्वित है। उन्होंने कहा कि बमियाल सैक्टर का बॉर्डर सुरक्षा की दृष्टि से सारे देश में मशहूर है तथा जहां पर तैनात हमारे सीमा प्रहरियों का मनोबल बहुत ऊंचा है। इनके रहते कोई भी दुश्मन हमारे देश की एकता व अखंडता को भंग करने की जुर्ररत नही कर सकता। देश सेवा से बढकऱ कोई पुण्य नहीँ होता तथा वह सैनिक धन्य है। जिसके भाग्य में देश की सुरक्षा करते हुए शहादत लिखी होती है।

आखिरी गोली व अंतिम सांस तक लड़े थे कमलजीत : कुंवर विक्की
परिषद के महासचिव कुंवर रविन्द्र विक्की ने कहा कि शहीद नायक कमलजीत सिंह ने आखिरी गोली व अंतिम सांस तक लड़ते हुए पाक सेना को धूल चटाकर इस पोस्ट व सिंबल गांव के लोगों को बचाया था। इसलिए सीमावर्ती क्षेत्र के लोग आज भी इन्हें एक मसीहा के रूप में मानते हैं। उन्होंने कहा कि इस पोस्ट पर खड़ा यह बेरी का पेड़ पाक सेना की नापाक हरकत का गवाह है। जिस पर 49 वर्ष पहले पाक सेना ने दरिंदगी दिखाते हुए कमलजीत का सिर कलम कर लटकाया था तथा पाक सेना आज भी ऐसी हरकतों से बाज नहीं आ रही, मगर हमारे जांबाज उसकी हर हरकत का मुंह तोड़ जबाव दे रहे हैं। सहायक कमांडेंट शशिकांत खोबा ने आए मेहमानों का धन्यवाद किया। 

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