केंद्र सरकार समय रहते किसानों की शंकाएं दूर करने का प्रयास करती तो अन्नदाता सड़कों पर न होता:चन्द्रकान्त चड्ढाकहा,

अन्नदाता किसानों का ठिठुरती ठंड में सड़कों पर बैठना देश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण

लुधियाना,20 दिसंबर(राजदार टाइम्स): केंद्र सरकार द्वारा पारित किए गए कृषि बिलो के विरोध में पिछले काफी महीनो से विशेषकर दिल्ली बॉर्डर पर पिछले लगभग 25 दिनों से सड़कों पर बैठे देश के अन्नदाता किसानों के संघर्ष के दौरान 30 से अधिक किसानों के शहीद होने के बाद समूह किसान जत्थेबंदिययों द्वारा 20 दिसम्बर को देशभर में शहीद हुए किसानों को श्रद्धांजलि देने की घोषणा की गई। जिसके बाद लुधियाना वासियों द्वारा भाजपा मुख्यालय के सामने घँटाघर चौंक में आयोजित श्रधांजलि समागम के दौरान शहीद किसानों को श्रद्धासुमन भेंट किए गए। श्रद्धांजलि समागम में शिवसेना हिंदुस्तान, कांग्रेस किसान सेल, जन शक्ति मोर्चा, क्शन अगेंस्ट करप्शन सहित विभिन्न संगठनों ने शमूलियत कर शहीद हुए किसानों को भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी। जिसमें प्रमुख तौर पर शिवसेना हिंदुस्तान के राष्ट्रीय महासचिव एवं प्रभारी पंजाब कृष्ण शर्मा, प्रवक्ता चन्द्रकान्त चड्ढा, सँगठन मंत्री चन्द्र कालड़ा, राज्य स्तरीय नेता बॉबी मित्तल, ऑल इंडिया कांग्रेस किसान सेल के कॉर्डिनेटर गुरसिमरन सिंह मंड, वरिष्ठ कांग्रेसी नेता राजिंदर निहाला, चौड़ा बाजार एसोसिएशन से कुणाल सूद, व्यापार मंडल के उत्तरी प्रभारी मंगल मल्होत्रा आदि सदस्यगण शामिल हुए।इस अवसर पर मौजूद सभी सदस्यों द्वारा दो मिनट का  मौन धारण कर शहीद किसानों को श्रद्धासुमन भेंट किए गए। श्रद्धांजलि सभा मे सम्बोधन करते हुए कृष्ण शर्मा ने केंद्र में शासित नरेंद्र मोदी सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि यदि वाकई सरकार द्वारा किसानों के हक में कृषि बिल लाए गए थे तो किसानों को पहले भरोसे में क्यों नही लिया गया। जिसके बाद देश के अन्नदाता किसानों को पिछले करीब 4 महीनों से लगातार सड़कों पर बैठकर संघर्ष करना पड़ रहा है। वरिष्ठ कांग्रेसी नेता राजिंदर निहाला ने कहा कि देश का एक एक वासी किसानों द्वारा उनके हकों के लिए किए जा रहे आंदोलन में उनके साथ है। चन्द्रकान्त चड्ढा व् गुरसिमरन मंड ने सयुंक्त रूप से कहा कि देश के लिए इससे बड़ा क्या दुर्भाग्य होगा कि देश का पालनहार अन्नदाता किसान सड़कों पर ठिठुरती ठंड में बैठकर संघर्ष कर रहा हो और इतनी देर व्यतीत होने के बाद भी कोई हल न निकले। वक्ताओं ने एक स्वर में कहा कि यदि देश का अन्नदाता किसान ही खुशहाल नही होगा तो देश का कोई भी वर्ग खुशहाल नही हो सकता। उन्होंने केंद्र सरकार से पुरजोर मांग करते हुए किसानी आन्दोलन के दौरान 30 से अधिक शहीद होने वाले किसानों के परिवारों को 1-1 करोड़ रुपया मुआवजा, परिवारक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए। साथ ही केंद्र सरकार बिना किसी देरी जल्द से जल्द किसानों की समस्याओं का समाधान कर देशहित में बड़ा कदम उठाए।

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