जिला स्वास्थ्य अधिकारी ने पिपलावालां व सिं$गड़ीवाला में अलग-अलग स्थानों से लिए सैंपल
कहा, त्यौहारों के मद्देनजर मिशन तंदुरुस्त पंजाब के अंतर्गत मिलावटखोरी के खिलाफ अभियान और होगा तेज
दुकानदारों व मैन्यूफैक्चरर को बनती लाईसेंस कैटागिरी में फीस जमा करवाने की अपील की
होशियारपुर, :
जिला स्वास्थ्य अधकारी डा.लखवी सिंह ने पिपलांवाला व सिंगड़ीवाला में दुकानदारों व मैन्यूफैक्चररों के यहां आज खाने-पीने वाले पदार्थों के सैंपल लेते हुए कहा कि जिले में मिलावटखोरी किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी व मिलावटखोरों के खिलाफ फूड सेफ्टी व स्टैंडर्ड एक्ट-2006 के अंतर्गत सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी ताकि पंजाब सरकार के मिशन तंदुरुस्त पंजाब को पूरी तरह से कामयाब किया जा सके। पिपलांवाला में दुकानों से हल्दी पाउडर, राजमा, काली मिर्च, सरसो का तेल, मैदा, चाय पत्ती, सूजी, चना दाल, मूंग दाल के अलावा केक व पेस्ट्री बनाने वाली फैक्ट्रियों से केक व पेस्ट्री के सैंपल लेते हुए जिला स्वास्थ्य अधिकारी डा.लखवीर सिंह ने बताया कि मिशन तंदुरुस्त पंजाब के अंतर्गत लोगों को खाने पीने वाले साफ सुथरे व शुद्ध पदार्थों की उपलब्धता को यकीनी बनाना समय की मुख्य मांग है। इन स्थानों से सैंपल लेकर फूड टैस्टिंग लेबोरेट्री खरड़ भेज दिया गया है। उन्होंने खाने-पीने वाली वस्तुएं तैयार करने वालों को निर्देश दिए कि वे मानक व शुद्ध पदार्थों की बिक्री को प्राथमिकता देते हुए स्वस्थ समाज की सृजना में अहम भूमिका निभाएं। जिला स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा कि स्टेट फूड कमिश्नर की हिदायतों के अनुसार आने वाले दिनों में त्यौहारों के मद्देनजर जिले में सैंपलिंग व टैस्टिंग तेज की जाएगी व किसी भी तरह की लापरवाही पाए जाने पर कानून अनुसार सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। लोगों को भी जागरुक होने की जरुरत है। उन्होंने जिले के अंदर खाने-पीने वाले पदार्थों की बिक्री करने व इन पदार्थों को तैयार करने वालों को अपील करते हुए कहा कि वे जन हित व मौजूदा स्वास्थ्य संकट के मद्देनजर शुद्ध, मानक व क्वालिटी पदार्थों की बिक्री को यकीनी बनाएं व किसी भी तरह के बासी या मिलावटी पदार्थ की बिक्री न करें। डा.लखवीर सिंह ने बताया कि चैकिंग के दौरान देखने में आया कि दुकानदारों व मैन्यूफैक्चररों ने भी रेहड़ी के लिए जारी होने वाला 100 रुपए का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट अपने संस्थान में लगाया हुआ है, जबकि हिदायतों के मुताबिक यहां दोनों संस्थान दो हजार रुपए से तीन हजार रुपए तक की लाइसेंस कैटागिरी में आते हैं, जोकि सरासर नियमों के विपरित है और इससे विभाग को वित्तिय नुकसान भी है। उन्होंने दुकानदारों व मैन्यूफैक्चररों से अपील करते हुए कहा कि वे अपनी बनती लाइसेंस कैटागिरी में ही फीस जमा करवाएं। इस मौके पर उनके साथ फूड सेफ्टी अधिकारी रमन विर्दी व हरदीप सिंह, स्वास्थ्य सहायक नरेश कुमार व राम लुभाया भी मौजूद थे।