कहा, न तो पंजाब पुलिस और न ही सीबीआई लगा सकी कोई पता
फरीदकोट,(विपन मितल):
बहुचर्चित मनोज गुमशुदगी मामले में लगभग आठ साल बाद भी परिवार निराशा है। पुलिस और सीबीआई जैसी जांच एजेंसियां भी मनोज कपूर का कोई सुराग नहीं ढूंढ सकी। अदालत ने इस मामले की फिर से जांच करने के सीबीआई को आदेश के दिए हैं। जबकि सीबीआई इस मामले की जांच पर पहले ही क्लोजर रिपोर्ट पेस कर अपने हाथ उठा चुकी है। फरीदकोट में मनोज के घर पत्रकारों से बातचीत करते हुए मनोज कपूर की बहन नीतू कपूर ने बताया कि वर्ष 2014 से लापता मनोज का न तो पंजाब पुलिस और न ही सीबीआई कोई पता लगा सकी है, क्योंकि मनोज कपूर जिस कंपनी में काम करता था। वह देश की राजनीतिक पार्टी के एक बड़े नेता की कंपनी है। इसीलिए कंपनी के किसी भी बंदे से न तो पुलिस और न ही सीबीआई कोई पूछ-पड़ताल कर सकी। इसके साथ उनको मनोज कपूर के बारे कोई पता लग सकता। उन्होंने आरोप लगाए कि उसके भाई मनोज कपूर की गुमशुदगी पीछे इसी कंपनी के किसी कर्मचारी का हाथ है। सीबीआई ने इस केस में कोई भी सुराग न मिलने के कह कि इसकी क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर दी थी, परन्तु उन्होंने अपने वकील के द्वारा अदालत का ध्यान केस के उन पहलुओं की तरफ दिलाया, जिन पर किसी भी जांच एजेंसी ने काम नहीं था किया। इसी के चलते अदालत ने इस केस की फिर जांच करने के लिए सीबीआई को आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि अब पंजाब में सरकार भी बदल गई है और वह नई बनी सरकार से आशा करते हैं कि उनको इंसाफ जरूर मिलेगा।

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