कहा, लक्षण दिखने पर मरीज डाक्टर से तुरंत करें संपर्क
सैल्फ मैडिकेशन से बचे मरीज, बिना डाक्टर की सलाह के स्टेरॉयड का न करें इस्तेमाल
होशियारपुर,(राजदार टाइम्स):
सिविल सर्जन डॉ.रणजीत सिंह ने बताया कि म्यूकोर्मिकोसिस जिसको आम तौर पर ब्लैक फंगस कहा जाता है। यह एक फंगल इनफेक्शन होती है और इससे घबराने की जरुरत नहीं है क्योंकि यदि समय पर मरीज डाक्टर से संपर्क करे तो इस बीमारी का इलाज संभव है। यह बीमारी उन मरीजों को ज्यादा प्रभावित करती है। जिनकी रोगों से लडऩे की क्षमता कम होती है, इनमें कैंसर, डायबिटिज, कोविड-19 व अन्य गंभीर बीमारियों वाले मरीज होते हैं। कुछ सावधानियां अपना कर इस बीमारी से बचा जा सकता है।
सिविल सर्जन ने लोगों से अफवाहों से बचने की अपील करते हुए कहा कि अगर किसी का नाक बंद है और नाक में दर्द आता है, चेहरे के किसी हिस्से में दर्द हो, नाक के आस-पास काले धब्बे पड़ते हैं, सिर दर्द बहुत ज्यादा होती है तो तुरंत डाक्टर से अपना चैकअप करवाएं ताकि समय पर इसका इलाज हो सके। उन्होंने कहा कि कोविड मरीजो खासकर उन मरीजों को जिनको डायबिटिज होती है या जिनको ज्यादा स्टेरॉयड देने पड़ रहे हैं उनमें यह बीमारी पाई जा रही है। क्योंकि उनकी बीमारियों से लडऩे की शक्ति कम हो जाती है। उन्होंने लोगों को अपील करते हुए कहा कि वे सैल्फ मैडिकेशन न करें और न ही अपने आप स्टेरॉयड लें। यदि कोई मरीज डाक्टर के पास जाता है और उसे शूगर की बीमारी है तो वह डाक्टर को अपनी पूरी हिस्ट्री दें। क्योंकि शूगर का लैवल कंट्रोल करना बहुत जरुरी है, इस लिए डाक्टर अपने हिसाब से मरीज को दवाई देता है।
डॉ.रंजीत सिंह ने बताया कि कोविड मरीज जब ठीक होकर घर चले जाते हैं तो वे गार्डनिंग करते समय मास्क व दस्ताने पहने और रुटीन में साफ सफाई का पूरा ध्यान रखें। इसके अलावा अपना शूगर लैवल मानिटर करते रहें और सड़े हुए जैविक पदार्थों जैसे ब्रेड,फल सब्जियां, मिट्टी आदि के संपर्क में आने से बचें। उन्होंने कहा कि सबसे जरुरी बात यह है कि अगर किसी में इस बीमारी से संबंधित लक्षण दिखे तो वे तुरंत डाक्टर से संपर्क करें।

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