मानसर,16 नवंबर(राजदार टाइम्स): गांव हरसा मानसर निवासी कोमल ने भारतीय नौसेना में सब-लेफ्टिनेंट बनकर क्षेत्र के साथ-साथ अपने माता-पिता का नाम भी नाम रोशन किया है। भाजपा के वरिष्ठ नेता जंगी लाल महाजन व अन्यों ने उन्हें घर जा कर सम्मानित किया। अपने सम्बोधन में कहै कि यदि सबी लोग बेटियों को उचित अवसर दो तो निश्चित ही आसमान को छू सकती है। जिसका परिणाम सभी के सामने हैं। गौर हो कि कोमल ने दसवीं तक की शिक्षा आर्मी पुब्लिक स्कूल नगलभूर से की तथा 12वीं नॉन मैडीकल एम.डी.के.ए.एस.सीनियर सकैंडरी स्कूल पठानकोट से करने के बाद गुरु नानक इंजीनियरिंग कॉलेज, लुधियाना से बीटेक की डिग्री प्राप्त कर तकनीकी प्रविष्टि के तहत भारतीय नौसेना में पंजीकरण कराया था। लिखित, शारीरिक परीक्षा और अन्य चयन चरणों को पास करने के बाद, उन्होंने केरल के कन्नूर जिले में एजिमाला नवल अकादमी में छह महीने का प्रशिक्षण लिया और उन्हें एनएआई के रूप में उप-लेफ्टिनेंट के पद के लिए चुना गया। कोमल की पहली पोस्टिंग मुंबई में है। अतिप्रसन्न, पिता ठाकुर अवतार सिंह और माता प्रवीन कुमारी ने भगवान को धन्यवाद दिया और कहा कि कोमल की सफलता की कुंजी उसकी कड़ी मेहनत और समर्पण है। कोमल के पिता ठाकुर अवतार सिंह बीएसएफ से हेड कांस्टेबल के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। जबकि उनकी मां गृहिणी हैं। माता-पिता के अनुसार उन्होंने अपने बच्चों की शिक्षा के साथ कभी समझौता नहीं किया और उन्हें हमेशा अच्छी शिक्षा पाने के लिए प्रोत्साहित किया। लडक़ों और लड़कियों के बीच अंतर को नकारते हुए, उन्होंने अपनी बेटी को समान अवसरों के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने बताया कि कोमल के भाई विशाल सिंह को भी उप-लेफ्टिनेंट के रूप में चुना गया है और अभी वह नौसेना अकादमी में प्रशिक्षण ले रहा है। उन्हें अपने बच्चों पर गर्व है, जिन्होंने इस क्षेत्र का नाम रौशन किया है। कोमल ने सफलता के मंत्र के बारे में बात करते हुए कहा कि उन्हें अपने बी.एस.एफ में हेड कांस्टेबल पिता ठाकुर अवतार सिंह और आर्मी पब्लिक स्कूल नंगलभुर के एन.सी.सी प्रमुख विनय सिंह पठानिया से देश की सेवा करने की प्रेरणा मिली। इस मुकाम पर पहुंचने के लिए उन्हें रोजाना करीब पांच से छह घंटे पढ़ाई की। कोमल ने कहा है कि अगर आप दृढ़ संकल्प के साथ एक स्थिति को प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत करते है, तो सफलता निश्चित रूप से आपके पैर चूमती है। कोमल ने अपनी सफलता के लिए अपने सभी शिक्षकों और दोस्तों को भी धन्यवाद दिया। उन्होंने युवाओं को संदेश देते हुए कहा कि अगर नई पीढ़ी बेकार काम छोड़ दे और मोबाइल फोन का सही इस्तेमाल करे तो कुछ बात बन सकती है। मोबाइल को शिक्षा का साधन बना युवा अपने सभी सपनों को साकार कर सकते हैं।

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