जिला पुलिस कप्तान नवजोत माहल ने प्रवासी परिवार को सौंपी बच्ची
उप पुलिस कप्तान मुनीश शर्मा व सीआईए प्रभारी टीम की कि प्रशंसा


दसूहा/होशियारपुर,24 दिसंबर(राजदार टाइम्स): गत दिवस 21 दिसंबर को क्षेत्र के गांव घोगरा से अगवा हुई चार माह की बच्ची को पुलिस ने 24 घंटों में बरामद कर लिया। आरोपियों को हिरासत में लेते हुए जिला पुलिस ने बच्ची को मां-बाप को सौंप दिया हैं। जिला पुलिस कप्तान नवजोत सिंह माहल ने बताया कि इस संबंधी सूचना मिलने के बाद दो पुलिस पार्टियों का गठन कर जांच को साइंटिफिक तरीके से आगे चलाते हुए हरियाणा के जिला पंचकूला के पिंजौर क्षेत्र में रेड करने के बाद बच्ची को बरामद किया गया। उन्होंने बताया कि आरोपियों की पहचान जसप्रीत कौर निवासी भ_ा थाना पालमपुर हिमाचल प्रदेश मौजूदा निवासी धर्मपुर कालोनी नजदकी प्राइमरी स्कूल पिंजौर, नैना उर्फ इंदू रानी निवासी कानगढ़ थाना सदर समाना जिला पटियाला व सिमरन सिंह निवासी कानगढ़ के तौर पर हुई। उन्होंने बताया कि मामले में अन्य आरोपी बलजीत सिंह निवासी गागजलों, कुलविंदर कौर उर्फ अंजली पत्नी बलजीत सिंह की गिरफ्तारी के लिए पुलिस द्वारा दबिश दी जा रही हैं।
          जिला पुलिस कप्तान ने आज होशियारपुर में अपने कार्यालय में बच्ची को उसके मांता-पिता को सौंपते हुए बताया कि बच्ची का पिता ऋषि निवासी बारां कलां थाना कलान जिला सुजानपुर, उत्तर प्रदेश मौजूदा समय में थाना दसूहा के अड्डा घोगरा में सब्जी की रेहड़ी लगाता है व साथ ही उसकी पत्नी सुमन ने मूंगफली भूनने के लिए भ_ी लगाई हुई थी। जहां गत 21 दिसंबर सांय 5 बजे के करीब उनकी चार माह की बच्ची मानवी को अगवा कर लिया गया। उन्होंने बताया कि सुमन ने अपनी भ_ी के नजदीक ही मानवी को जमीन पर चादर बिछा कर लिटाया हुआ था, जहां बलजीत सिंह, उसकी पत्नी कुलविंदर कौर निवासी गगजलों के साथ एक अन्य महिला व एक लडक़ी व लडक़ा आए व भ_ी से दानों का लिफाफा लिया। दाने खरीदने के बाद कुलविंदर कौर के साथ आई महिला बच्ची को अपनी गोदी में उठाकर खिलाने लग गई व पांचों लोग उस बच्ची को उठा कर ले गए।
नवजोत सिंह माहल ने बताया कि इस संबंधी सूचना मिलने पर थाना दसूहा में आईपीसी की धारा 365 के अंतर्गत मुकद्दमा नंबर 296 दर्ज करने के बाद उप पुलिस कप्तान दसूहा मनीश कुमार व सीआईए स्टाफ होशियारपुर के इंचार्ज शिव कुमार के नेतृत्व में दो पुलिस पार्टियों ने प्राथमिक जांच के बाद पिंजौर में रेड मार कर बच्ची को बरामद किया। पूछताछ के दौरान यह बात सामने आई कि जसप्रीत के कोई औलाद नहीं थी, जिस कारण उनकी ओर से ऋषि राम की बच्ची को उठाया गया।

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