कहा, बीएसएफ को खुली शक्ति देना राज्य में पिछले दरवाजे से राष्ट्रपति शासन लागू करने के समान
कांग्रेस के पांच साल के शासन में पंजाब में कोई भी नई बिजली परियोजना स्थापित नहीं कर सकी, बलकि मौजूदा परियोजनाओं को किया जा रहा है बंद

सुखबीर बादल का मुकेरियां दौरा रहा फलाफ शो


मुकेरियां,(राजदार टाइम्स):
पिछले पांच वर्षों में कांग्रेस सरकार की विफलताओं से जूझ रहे राज्य के लोग शिरोमणि अकाली दल-बसपा गठबंधन को आशा की नजर से देख रहे हैं। गठबंधन द्वारा 13 सूत्री कार्यक्रम की घोषणा के बाद पंजाब के लोग अकाली-बसपा गठबंधन को सत्ता सौंपने की जल्दी में हैं। यह बात शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने यहां शिरोमणि अकाली दल-बसपा के नेताओं और कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कही। सुखबीर सिंह बादल शनिवार को मुकेरियां निर्वाचन क्षेत्र के विशेष दौरे पर पहुँचे थे। गांव चक्क अल्ला बख्श में सुखबीर सिंह बादल का शिरोमणि अकाली दल और यूथ अकाली दल के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने स्वागत किया। सुखबीर बादल के साथ कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। जिनके नेतृत्व में मुकेरियां-गुरदासपुर स्थित निजी पैलेस से गठबंधन कार्यकर्ताओं का रोड मार्च नौशेहरा पत्तन, हरसा मानसर, चनौर, पनखूह, गेरा, हाजीपुर, महितपुर में से होता हुआ मुकेरियां शहर में रोड शो करने के बाद चक्क अल्ला बख्श में समाप्त हुआ। सुखबीर सिंह बादल ने ग्राम चनौर में आदर्श पब्लिक स्कूल के नए भवन का उद्घाटन किया और अपने साथियों के साथ सिद्ध बाबा मंदिर गांव कलोता, डेरा दीवान चंद गांव पनखूह और गुरुद्वारा गेरा साहिब में मत्था टेक आशीर्वाद प्राप्त किया।

विभिन्न स्थानों पर पार्टी कार्यकर्ताओं की सभाओं को संबोधित करते हुए बादल ने कहा कि पांच साल से जनता से दूर रहे कांग्रेसी नेता अब विभिन्न परियोजनाओं का शिलान्यास कर जनता को मूर्ख बनाने का प्रयास कर रहे हैं। जबकि पंजाब में चुनाव आचार संहिता लागू होने के साथ ही सभी काम रुक जाएंगे। धान की खऱीद बीच में ही बंद करने को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि कांग्रेस सरकार द्वारा अनाज खरीद के दावों का पोल खुला है और तथाकथित किसान हितैषी कांग्रेस पार्टी के राज्य में किसान फसल बेचने एवं ख़ादों के लिए प्रेशान हो रहा है। जबकि मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के नेतृत्व वाली शिरोमणि अकाली दल सरकार के दौरान दो महीने पहले खाद और बारदाने की खरीद सुनिश्चित की जाती थी। स.बादल ने राज्य में बिजली संकट का जिक्र करते हुए कहा कि कांग्रेस के पांच साल के शासन में पंजाब में कोई भी नई बिजली परियोजना स्थापित नहीं कर सकी बलकि मौजूदा परियोजनाओं को बंद किया जा रहा है। उन्होंने रोष व्यक्त किया कि कांग्रेस सरकार ने शिरोमणि अकाली दल द्वारा शुरू की गई कई जन कल्याणकारी योजनाओं को बंद करके पंजाब के जरूरतमंद लोगों को प्रेशानी में जीने के लिए मजबूर किया है। उन्होंने दावा किया कि शिअद-बसपा की सरकार बनते ही पंजाब में 13 सूत्री एजेंडा लागू कर दिया जाएगा। बादल ने कहा कि बीएसएफ को खुली शक्ति देना राज्य में पिछले दरवाजे से राष्ट्रपति शासन लागू करने के समान है। उन्होंने बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र के विस्तार की तत्काल समीक्षा की मांग की और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप करके पंजाब के एक बड़े हिस्से को बीएसएफ को सौंपने के फ़ैसले एवं तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की अपील की।

इस समय पर पूर्व सांसद वीरेंद्र सिंह बाजवा, जिलाध्यक्ष सुरिंदर सिंह भुल्लेवाल राठां, पूर्व विधायक जगबीर सिंह बराड़, जत्थेदार रविंदर सिंह चक्क, पीएसी सदस्य ईशर सिंह मंझपुर, जिलाध्यक्ष यूथ अकाली दल दिहाती वीरेंद्रजीत सिंह सोनू टेरकियाना, यूथ अध्यक्ष हलका मुकेरियां हरमनजीत सिंह चक्क, बिक्रमजीत सिंह अल्ला बख्श, कंवलप्रीत सिंह काकी, कृपाल सिंह गेरा, सर्कल अध्यक्ष हाजीपुर लखविंदर सिंह टिम्मी, जसविंदर सिंह बिट्टू, निर्मल सिंह चीफ़, सुखदेव सिंह कालेबाग, राजगुलजिंदर सिंह सिद्धू, जत्थेदार गज्जन सिंह, मनजीत सिंह कौलपुर, आसा सिंह कोलियां, मेजर सिंह महितपुर, सर्कल अध्यक्ष नौशेहरा लखवीर सिंह लख्खी मानां, सर्कल अध्यक्ष रणजीत सिंह डालोवाल, सर्कल अध्यक्ष भंगाला रछपाल सिंह रंगा, सर्कल अध्यक्ष चनौर हरदयाल सिंह हयातपुर, सौदागर सिंह चनौर, अवतार सिंह कोटली खास, सर्कल प्रभारी बसपा गोबिंद सिंह, प्रिंसीपल कश्मीर सिंह, अनिल ठाकुर मानसर, जानकर सिंह, गुलशन ऋषि राज, डॉ.सतनाम सिंह गुरदासपुर, मनमोहन सिंह एससी, बलबीर सिंह बग्गू सहित अकाली-बसपा कार्यकर्ता उपस्थित थे।

सुखबीर बादल का मुकेरियां दौरा रहा फलाफ शो
हलाकि शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने विभिन्न स्थानों पर सभाओं को संबोधित किया। मगर लोगोंं में चर्चा है कि शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष का यह दौरा पूरी तरह से फ्लाप शो सिद्ध हुआ है क्योंकि सभाओं में कार्यकर्ताओं से अधिक पुलिस के जवान थे, जोकि अधिकतर सादी वर्दी में थे, देखने में यह भी आया कि क्षेत्र के कार्यकर्ता कम मगर दसूहा, टांड़ा, होशियारपुर, गुरदासपुर आदि साथ लगते अन्य विधान सभाओं से कार्यकर्ता अधिक संख्या में बादल को सुनने पहुँचे हुए थे। बसपा के कार्यकर्ता भी अपने आप को कुछ संकुचित सा महसूस करते देखे गए। जिससे यह सिद्ध हो रहा है कि सुखबीर बादल का आज का कार्यख्रम पूरी तरह से फ्लाप रहा।

Previous articleਜ਼ਿਲ੍ਹਾ ਮੈਜਿਸਟਰੇਟ ਨੇ ਵਾਰਡ ਅਟੈਂਡੈਟਾਂ ਦੀ ਭਰਤੀ ਪ੍ਰੀਖਿਆ ਸਬੰਧੀ ਪ੍ਰੀਖਿਆ ਕੇਂਦਰਾਂ ਦੇ 100 ਮੀਟਰ ਘੇਰੇ ਅੰਦਰ ਧਾਰਾ 144 ਲਗਾਉਣ ਦੇ ਹੁਕਮ ਕੀਤੇ ਜਾਰੀ
Next articleपंजाब सरकार नशा तस्करी को तो बंद नहीं कर सकी, कर रही है अब राज्य में गुडा राज स्थापित : तीक्षण सूद/जंगी महाजन/सेठू/संजीव/संग्राम