दातारपुर,(एसपी शर्मा): नवरात्र के पहले दिन शक्ति दुर्गा मंदिर दातारपुर में आध्यात्मिक विभूति सुश्री देवा जी ने कहा कि यह तो सभी को मालूम है कि नवरात्रि साल में दो बार आती है। एक बार दिवाली से पहले और दूसरी बार होली के बाद उन्होंने कहा होली के बाद आने वाली नवरात्रि को चैत्र नवरात्रि कहा जाता है. ऐसा इसलिए क्योंकि ये चैत्र मास में आती हैं। इस साल चैत्र नवरात्रि 02 अप्रैल से शुरू होकर 10 अप्रैल तक रहेगी। उन्होंने कहा नवरात्रि में इन बातों का ध्यान रखना चाहिए। इस दौरान क्या करना चाहिए और क्या नहीं। उन्होंने कहा कि चैत्र नवरात्रि के आठ दिनों में लोग इच्छानुसार व्रत रख मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की विधिपूर्वक पूजा करते हैं। 8 दिन बीत जाने के बाद आखिरी यानी नौवें दिन हवन पूजा कर कन्या पूजन करते है। इस दौरान कुछ लोग घर में कलश की स्थापना भी करते हैं। वहीं कुछ लोग मिट्टी के बर्तन में जौ के बीज उगाते हैं, लेकिन इस दौरान कुछ नियमों का पालन करना बेहद जरूरी होता है। अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो इससे आपके जीवन पर बुरा असर हो सकता है। सुश्री देवा जी ने कहा चैत्र माह के साथ ही गर्मियों की शुरुआत हो जाती है। ऐसे में आलस्य भी बढ़ने लगता है, लेकिन चैत्र नवरात्रि में दिन के समय सोना वर्जित होता है। इससे आलस्य के साथ नकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है। इस दौरान तामसिक चीजों जैसे लहसुन, प्याज, मांसाहार, शराब, तंबाकू और सिगरेट से दूर रहना चाहिए. इसके अलावा नौ दिनों तक बाल, दाढ़ी और नाखून भी नहीं काटने चाहिए। इन दिनों चमड़े से बनी चीजों बेल्ट, पर्स, जूते, चप्पल के इस्तेमाल से भी बचना चाहिए। उन्होंने कहा नवरात्रि में ज्यादातर लोग अपने घरों में मां दुर्गा के लिए अखंड जोत जलाते हैं, लेकिन याद रहे कि जब तक जोत जलती रहे तब तक घर में किसी न किसी का रहना जरूरी होता है। इसके अलावा इन दिनों गुस्सा, मोह और कामवासना से भी दूर रहना चाहिए। अगर भूलकर भी कोई यह ऐसा करता है तो उसे दोष लगता है। नवरात्रि के समय घर में कलह भी नहीं करनी चाहिए।

 

 

 

 

 

 

 

Previous articleਮੋਦੀ ਸਰਕਾਰ, ਮਹਿੰਗਾਈ ਦੀ ਮਾਰ ਨੇ ਮੱਧਵਰਗੀ ਪਰਿਵਾਰਾਂ ਦਾ ਜਿਊਣਾ ਕੀਤਾ ਮੁਹਾਲ: ਮੰਗੂਪੁਰ
Next articleबागपत के परशुराम भवन में हुआ ऐतिहासिक श्रीहनुमान कथा का आयोजन