मुकेरियां,(राजदार टाइम्स): स्वामी प्रेमानंद महाविद्यालय में नीति आयोग एवं भारतीय शिक्षण मंडल के सौजन्य से आइक्यूएसी एवं स्नातकोत्तर हिंदी विभाग की ओर से नई शिक्षा नीति 2020 में अध्यापक की भूमिका विषय पर गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी में प्रबंधन समिति के सेक्रेटरी संजीव आनंद ने मुख्य अतिथि के रुप में शिरकत की। मुख्य वक्ता के रूप में डॉक्टर संजय कौशिक डीसीडीसी पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ ने अपनी बहुमुल्य उपस्थिति दी। वेबीनार के कोऑर्डिनेटर प्रोफेसर दविंदर सिंह सचिव, वाईस चांसलर पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ एवं प्रांत संयोजक भारतीय शिक्षण मंडल के साथ-साथ एस.पी.एन कॉलेज के स्नातकोत्तर हिंदी विभाग की प्रोफेसर डॉक्टर सोनिया शर्मा थी। मंच संचालन करते हुए डॉक्टर सोनिया शर्मा ने मुख्य अतिथि एवं सभी माननीय श्रोता गणों का स्वागत किया और वेबीनार के विषय नई शिक्षा नीति 2020 को उपस्थापित किया। कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ.समीर शर्मा ने स्वागत वक्तव्य में नीति आयोग एवं भारतीय शिक्षण मंडल के साथ-साथ मुख्य अतिथि संजीव आनंद का भी इस संगोष्ठी में जुडऩे के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने अपने वक्तव्य में कहा की नई शिक्षा नीति 2020 पूर्ण रूप से डिजिटाइजेशन की ओर अग्रसर है। शिक्षक को अब सैद्धांतिक पक्ष के साथ-साथ अपने विषय से संबद्ध प्रायोगिक पक्ष को भी दृढ़ करना होगा। मुख्य अतिथि संजीव आनंद ने कहा कि कोविड-19 जैसी समस्याओं को ध्यान में रखते हुए नई शिक्षा नीति को तैयार किया गया है। इसमें शिक्षक को भी अपनी शिक्षण अधिगम प्रक्रिया का आधुनिककरण करने के साथ-साथ नवीन शिक्षण उपागम का भी बारीकी से अनुसंधान करना होगा। भारतीय संस्कृति में गुरु को सबसे ऊंचा दर्जा दिया गया है। इसीलिए भारत ने डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम, डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन, स्वामी विवेकानंद जैसे महान दार्शनिक, वैज्ञानिक रत्न रूप में पाए हैं। शिक्षा नीति-2020 का उद्देश्य शिक्षा की पहुँच, समानता, गुणवत्ता, वहनीय शिक्षा और उत्तरदायित्व जैसे मुद्दों पर विशेष ध्यान देना है। इस गोष्ठी के मुख्य वक्ता डॉक्टर संजय कौशिक ने नई शिक्षा नीति 2020 के विषय में विस्तार से बताया और कहा कि इसमें छात्रों को जरूरी कौशलों एवं ज्ञान से लैस करना और विज्ञान, टेक्नोलॉजी, अकादमिक क्षेत्र और इण्डस्ट्री में कुशल लोगों की कमी को दूर करते हुए देश को ज्ञान आधारित सुपर पॉवर के रूप में स्थापित करना है। उन्होंने कहा कि शिक्षा नीति में छात्रों में रचनात्मक सोच, तार्किक निर्णय और नवाचार की भावना को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ बाध्यताओं को दूर करने, दिव्यांग छात्रों के लिये शिक्षा को सुगम बनाने आदि के लिये तकनीकी के प्रयोग को बढ़ावा देने पर बल दिया गया है। डॉ.दविंदर सिंह ने अंत में सभी उपस्थित अतिथियों एवं श्रोता गण का धन्यवाद किया और कहा कि नई शिक्षा नीति 2020 में कई पहलुओं पर इस गोष्ठी में ज्ञान चर्चा हुई है। इसी प्रकार से आगे भी इस विषय संबंधी गोष्टी समायोजित होनी चाहिए ताकि जन-जन तक नई शिक्षा नीति 2020 के प्रमुख तथ्यों को जाना जा सके। इस विशिष्ट अवसर पर आइक्यूएसी सेल के कोऑर्डिनेटर डॉ.समीर महाजन ने भी सभी श्रोता गणों का धन्यवाद किया। इस ई गोष्ठी में समूह एसपीएन कॉलेज स्टाफ के साथ-साथ स्नातकोत्तर विभाग के छात्र भी जुड़े हुए थे।

Previous articleलोकतंत्र सर्वोपरि है, बंगाल में डर और भय के पुराने दिन 2 मई से आगे नहीं चलने वाले : मोदी
Next articleकोविड फैलाव रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी सावधानियों का पालन बनाया जाए यकीनी : अमित कुमार पांचाल