कहा, नशाखोरी जैसी बुराइयों को कहें न, क्योकि नशा नाश का दूसरा नाम
हाजीपुर,30 नवंबर(एसपी शर्मा/राजदार टाइम्स): राष्ट्र के विकास में युवा वर्ग का सबसे बड़ा योगदान होता है। स्वस्थ और तंदरुस्त युवा देश के विकास को रफ्तार दे सकते हैं, लेकिन दु:ख की बात है कि आज भारत के कुछ युवा नशे के आदी होकर अपनी जिंदगी को नरक बना रहे हैं। यह बात सर्व हितकारी सीनियर सकेंडरी स्कूल हाजीपुर में हुए एक समारोह में प्रिंसिपल विवेक कुमार ने कही। उन्होंने कहा कि नशा, नाश का दूसरा नाम है। जिसने भी नशे का दामन एक बार पकड़ लिया उसे नशा मौत के मुंह तक ले जाता है, साथ ही उसके घर-परिवार का भी कई बार नाश कर देता है।
उन्होंने कहा कि मां-बाप अपने बच्चों को लाड़ प्यार से पाल कर उनके भविष्य के लिए सुनहरी सपने संजोते हैं, लेकिन जब कोई बच्चा बचपन या जवानी की दहलीज पर पांव रखते ही नशे के दलदल में धंसना शुरू होकर अपनी जिंदगी बर्बाद करने लगता है तो मां-बाप के सपने उसी समय चकनाचूर हो जाते हैं। प्रिंसिपल विवेक ने कहा कि नशे के कारण आज तक पता नहीं कितने ही घर बर्बाद हो गए और बहुत से नौजवान जवानी में ही कई बीमारियों के शिकार तो कुछ मौत के मुंह में चले गए। माना कि सरकार का नशे के प्रति ढुलमुल रवैया नशे पर नकेल कसने पर फेल है, लेकिन लोग खुद तो समझदारी से काम लेकर इसके मकडजाल में न फंसें और अपने बच्चों पर भी कड़ी नजर रखें। यदि बच्चों को बचपन से ही नशे से दूर रहने और इसके दुष्परिणामों के प्रति अवगत करवाया जाए तो जिंदगी के किसी भी मोड़ पर वे नशे के आदी नहीं होंगे। अंत में यही कहना उचित होगा कि जो लोग नशे के चंगुल में फंस चुके हैं या फंसने जा रहे हैं। उन्हें एक ही बात याद रखनी चाहिए कि नशा नाश का दूसरा नाम है। उन्होंने कहा कि इसी लिए बच्चों को संस्कार प्रद शिक्षा देना समय की जरूरत है। ऐसे बच्चे ही बड़े होकर सुयोग्य नागरिक बन सकेंगे। इस अवसर पर नीलम कौल, साहिब सिंह, नीलम, कल्पना, हरप्रीत कौर, मोनिका, आंचल, अमन, सुरिंद्र, सरबजीत, अन्नु, ब्रिज बाला, नवीन आदि भी उपस्थित थे।

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