जागरुकता अभियान की अनदेखी कर रहे लोग
दातारपुर,(एसपी शर्मा, राजदार टाइम्स): लाख जागरूक करो पर जो नहीं समझेंगे उन्हें समझाना बिल्कुल बेमानी है। ड्रैगन डोर के विषय में जानकारी होने पर भी लोग इसे चोरी छिपे महंगे दामों पर खरीदारी करते हैं। यह जानते हुए भी कि इस के कारण कई दुर्घटनाएं होती हैं। किसी का गला कटता है तो किसी की जान जाती है। इतना ही नहीं इस डोर के कारण की निरीह परिंदों की जान भी जाती है। इसके अतिरिक्त देश के लोगों को पता है कि चीन हमारे देश का दुश्मन बना हुआ है, फिर भी उसकी बनी हुई चीजों को खरीदने का लोभ हम नहीं छोड़ रहे। ऐसा प्रकरण तब सामने आया जब एक्सियन हरविंदर कुमार जो ऐच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर कमाही देवी में गौशाला चला रहे हैं और निरीह जानवरों की देखभाल कर रहे हैं उनका इलाज करवाते हैं। लगभग दस दिन पहले जब हरविंदर कुमार जालंधर के रेलवे स्टेशन के पास से गुजर रहे थे तो उन्होंने एक बाज को चीनी डोर में फंसे हुए देखा बाज लाचार था लहुलुहान था पर लाख फडफ़ड़ाने के बाबजूद इस नामुराद डोर के चंगुल से आजाद नहीं हो पा रहा था। उसकी यह हालत देखकर हरविंदर का मन पसीजा और उन्होंने उस बाज को उठाया, डोर से आजाद करवाया और देखा कि बाज का पंख बुरी तरह से जख्मी था और उसमें से खून बह रहा था। हरविंदर कुमार उसे मां कामाक्षी गौधाम गोसदन में ले आए और उसके इलाज की शुरुआत हुई राजदार टाइम्स ने देखा कि बाज का पंख अब लगभग ठीक हो चला है। इस अवसर पर डाक्टर मयंक बाली, गौसेवक शाम मुरारी तथा विशाल कुमार जो उसकी परिचर्या कर रहे हैं ने बाज का घायल पंख दिखाया। डाक्टर मयंक, शाम मुरारी ने कहा कि युवाओं को चाहिए कि वे चीनी डोर से पतंग न उड़ाएं बल्कि देसी माझे से ही पतंग उड़ाएं।

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