मुकेरियां,(राजदार टाइम्स): नए कृषि कानूनों के खिलाफ राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित टोल प्लाजा हरसा मानसर पर किसान संगठनों का विरोध जारी रहा। किसानों ने केंद्र सरकार के गैर जिम्मेदाराना व्यवहार के विरोध में नारेबाजी करते हुए कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग की। इसी बीच किसान संगठनों ने 6 फरवरी दिन शनिवार को चक्का जाम और दिल्ली चलो अभियान के लिए विभिन्न गांवों में बैठकों का आयोजन किया। गांव चीमा पोता में आयोजित बैठक के दौरान किसान नेताओं ने कहा कि केंद्र सरकार किसान विरोधी रवैया अपनाने की वजह से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय अपमान का सामना कर रही है लेकिन सरकार अभी भी किसानों की मांगों की अनदेखी करने में व्यस्त है। उन्होंने विरोध किया कि केंद्र सरकार दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर किसान मोर्चों की घेराबंदी कर लोकतंत्र और नागरिकों की स्वतंत्रता को नष्ट कर रही है। असंवैधानिक कार्यवाइयों का सरकार का डर साफ झलक रहा है और केंद्र सरकार ने ट्विटर और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर किसान समर्थक अकाउंट्स को बंद करने की कार्रवाई करते हुए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी नाकामी उजागर कर दी है। उन्होंने दावा किया कि नए कृषि सुधार कानूनों के निरस्त होने तक किसान संघर्ष जारी रहेगा जबकि 6 फरवरी को टोल प्लाजा हरसा मानसर पर बड़ी एक्त्रा से साथ चक्का जाम कर सरकार को जगाने की कोशिश की जाएगी। उन्होंने स्थानीय लोगों से अपील की कि वे 6 फरवरी दिन शनिवार को होने वाले चक्का जाम को सफल बनाने के लिए बड़ी संख्या में एकत्रित हों। इस अवसर पर नरिंदर सिंह गोली, अवतार सिंह बॉबी, गुरनाम सिंह जहानपुर, हरभजन सिंह मोहला, मास्टर योध सिंह, सज्जन सिंह, बबलू बिगोवाल, मलकीत सिंह पोता, सुमन डडवाल, जसवंत सिंह काका, अमरजीत सिंह, गंधर्व सिंह, साहिब सिंह, मनजीत सिंह, कुलभूषण सोहल, करनैल सिंह, अजय कुमार, उंकार सिंह, सुरजीत सिंह, बुआ दास, अवतार सिंह, सुमिंदर सिंह सहित बड़ी संख्या में किसानों और मजदूरों ने बैठक में भाग लिया।

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