प्रगतिशील किसान गुरविंदर खंगुड़ा के खेत में खुद ट्रैक्टर चला कर शुरु करवाई सीधी बिजाई
कहा, पानी की बचत के लिए धान की सीधी बिजाई समय की मुख्य मांग
होशियारपुर,(राजदार टाइम्स): पंजाब सरकार द्वारा धरती के जल स्तर को बचाने के लिए शुरु किए कामयाब किसान खुशहाल पंजाब प्रोग्राम के अंतर्गत जिलाधीश अपनीत रियात ने शामचौरासी के गांव काणे में धान की सीधी बिजाई के प्रति किसानों को उत्साहित करने के उद्देश्य से गांव में पहुंच कर अहम विचार चर्चा की। जिलाधीश अपनीत रियात ने पंडोरी खंगुड़ा के प्रगतिशील किसान गुरविंदर खंगुड़ा के गांव काणे में खेत में खुद ट्रैक्टर चला कर धान की सीधी बिजाई शुरु करवाते हुए कहा कि पंजाब सरकार की ओर से सीधी बिजाई के अंतर्गत रकबा बढ़ाने के लिए कृषि व किसान भलाई विभाग के माध्यम को हर जरुरी तकनीकी जानकारी मुहैया करवाई जा रही है। जिसका किसानों को अधिक से अधिक लाभ लेना चाहिए। सीधी बिजाई से 20 से 25 प्रतिशत तक पानी की बचत होने के साथ-साथ फसल के झाड़ पर कोई असर नहीं पड़ता। मौजूदा समय में सीधी बिजाई किसानों के लिए अलग-अलग पहलुओं से बेहद लाभप्रद व आसान है व दिनो दिन गिर रहे धरती के जल स्तर को रोकने के लिए पानी की बचत के लिए कम पानी की खपत वाली फसलों या तकनीकों का प्रयोग को प्राथमिकता देनी चाहिए।
मुख्य कृषि अधिकारी डॉ.विनय कुमार व उनकी टीम की ओर से जिलाधीश को बताया कि विभाग के प्रयासों व किसानों के सहयोग के चलते जिले के अलग-अलग ब्लाकों में लगभग 32 सौ एकड़ रकबे में धान की सीधी बिजाई हो चुकी है। विभाग की टीमें लगातार किसानों से संपर्क कर उनकी सीधी बिजाई के प्रति प्रेरित करती रहती हैं व यदि किसी भी किसान को सीधी बिजाई संबंधी कोई समस्या हो तो वे ब्लाक कृषि अधिकारी, कृषि विकास अधिकारी या मुख्य कृषि अधिकारी के कार्यालय से संपर्क कर सकता है। पंजाब में करीब 30 लाख हैक्टेयर रकबे पर धान की फसल की काश्त की जाती है जोकि धरती के नीचे से ट्यूबवेल के माध्यम से पानी पर निर्भर है। एक अंदाजे के अनुसार एक किलो चावल पैदा करने के लिए 3000 से 4000 लीटर पानी की जरुरत पड़ती है, जिस कारण खरीफ की फसल को पैदा करने के लिए लाखों लीटर पानी प्रयोग किया जाता है। उन्होंने किसानों को अपील की कि वे कम पानी की खपत वाली फसलों व किस्मों को अपनाएं। इस समय पर कृषि विकास अधिकारी (पी.पी) डॉ.जसबीर ढींढसा, सहायक कृषि इंजीनियर लवली, ब्लाक कृषि विकास अधिकारी डॉ.सिमरनजीत सिंह, ब्लाक तकनीकी मैनेजर कमलजीत सिंह, किसान धर्मपाल, अशोक कुमार, नवदीप भुल्लर, हरदीप सिंह, रुपिंदर सिंह, अमर पाल सिंह, निर्मल सिंह आदि मौजूद थे।
सीधी बिजाई पानी की सीधी बचत व लागत में किफायत
पंडोरी खंगूड़ा के किसान गुरविंदर सिंह, जो कि पिछले तीन वर्ष से धान की सीधी बिजाई कर रहे हैं, ने अपना तर्जुबा सांझा करते हुए बताया कि धान की सीधी बिजाई से पानी की बड़े स्तर पर सीधी बचत व कम खर्चे होते हैं। सीधी बिजाई से झाड़ में किसी किस्म की कोई कमी नहीं आती बल्कि क्वालिटी भी अच्छी रहती है। वे पिछले तीन वर्ष से अपने खेतों में सीधी बिजाई कर रहा है, जिसके लिए उसको कृषि व किसान भलाई विभाग की टीमों ने उत्साहित ही नहीं किया, बल्कि पैर-पैर व जरुरत पडऩे पर जरुरी जानकारी भी मुहैया करवाई। उन्होंने किसानों को अपील की कि वे पानी की बचत के मद्देनजर धान की सीधी बिजाई की ओर कदम बढ़ाएं।