पठानकोट,(बिट्टा काटल): शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद व इंडियन एक्स सर्विसमैन लीग के जिलाध्यक्ष रिटा.कर्नल सागर सिंह सलारिया ने बातचीत करते हुए बताया कि पिछले 9 वर्षों से पंजाब सरकार द्वारा जिंदा वीरता पदक विजेताओं को मरणोपरांत वीरता पदक प्राप्त करने वालों से अधिक वीरता भत्ता दिया जा रहा है। मिसाल के तौर पर मरणोपरांत शौर्य चक्र विजेता को 49 सौ रुपए, जबकि जिंदा अवार्डी को 6480 रुपए मासिक वीरता भत्ता दिया जा रहा है तथा शहीद परिवार इस बात में अनभिज्ञ थे कि पिछले 9 वर्षों से सरकार उनके साथ ऐसा कर उनके लाडलों की शहादत की गरिमा को ठेस पहुंचा रही है। उन्होंने कहा कि बात पैसे की नहीं है, मान सम्मान की है। सरकार की इस कार्यशैली से शहीद परिवारों व पूर्व सैनिकों में रोष की लहर व्याप्त है। इसलिए उन्होंने शहीद परिवारों की आवाज सरकार तक पहुंचाने के लिए रक्षा सेवाएं भलाई विभाग पंजाब के डायरैक्टर व जिले के डिप्टी डायरैक्टर को पत्र लिख कर मांग की है कि सभी को बराबर वीरता भत्ता दिया जाए। उन्होंने कहा कि हमारे मुख्यमंत्री एक सैनिक रह चुके हंै, उनके रहते यदि वीरता भत्तों में भेदभाव हो तो यह खेद का विषय है, अगर सरकार ने उनकी मांग नहीं मानी तो मजबूर होकर उन्हें मार्च महीने में सैनिक कल्याण कार्यालय के समक्ष धरना देना पड़ेगा।