जिलाधीश ने कृषि विभाग द्वारा आयोजित जिला स्तरीय किसान प्रशिक्षण कैंप का किया उद्घाटन
किसानों को पानी की बचत वाली खेती तकनीकों का प्रयोग करने की अपील की
कहा, किसान प्रशिक्षण कैंप का उद्देश्य किसानों को नई कृषि तकनीकों से परिचित करवाना
होशियारपुर,(तरसेम दिवाना):
कृषि विभाग द्वारा आत्मा योजना के अंतर्गत जिला स्तरीय किसान प्रशिक्षण कैंप कृषि भवन में लगाया गया। कैंप में कृषि विभाग के खेती माहिरों ने किसानों को नवीनतम कृषि तकनीकों संबंधी परिचित करवाया। कैंप का उद्घाटन जिलाधीश संदीप हंस ने किया। इस समय पर उनके साथ विधायक मुकेरियां जंगी लाल महाजन व परमजीत सिंह सचदेवा की ओर से विशेष तौर पर शिरकत की गई। किसानों को संबोधित करते हुए जिलाधीश ने कहा कि किसानों को आ रही मुश्किलों को सभी के सहयोग व साथ से हल किया जा सकता है। उन्होंने किसानों को फसली चक्र में से निकल कर फसली विभिन्नता पर जोर देते हुए कहा कि वह कृषि विभाग की सिफारिश अनुसार ही कृषि करें। यदि कोई किसान फसली विभिन्ना को खेत स्तर पर लागू करता है तो उस किसान का हाथ थामना पड़ेगा व विभाग की ओर से पूरी ईमानदारी से काम कर किसानों के लिए उचित हल, प्रसार व खोजें पहुंचाने की जरुरत है।

जिलाधीश ने कहा कि मौजूदा समय में पानी की बचत समय की जरु रत है। होशियारपुर में ज्यादा कंडी क्षेत्र होने के कारण पानी की मुख्य समस्या है, इस लिए पानी का सुचारु प्रयोग करते हुए खेती की नकनीकों, जिसमें पानी की बचत की जा सकती है, को लागू करना होगा। उन्होंने कहा कि इस मेले को लगाने का उद्देश्य यही है कि किसानों को नई कृषि तकनीकों से परिचित करवाया जा सके। उन्होंने किसानों को कृषि के साथ-साथ सहायक धंधे अपनाने पर जोर देते हुए कहा कि यह करने से किसानों की आय में वृद्धि होगी। इसके साथ ही उन्होंने किसानों को भरोसा दिलाया कि गेहूं की फसल सरकार की ओर से खरीदने के लिए सभी प्रबंध मुकम्मल कर लिए गए हैं व इस फसल की अदायगी समय पर की जाएगी। उन्होंने किसान ग्रुपों व सैल्फ हैल्प ग्रुपों की ओर से लगाई गई प्रदर्शनियां भी देखी व उनका उत्साह बढ़ाया।

कैंप को संबोधित करते हुए मुख्य कृषि अधिकारी डा.सतनाम सिंह ने कृषि विभाग की गतिविधियों पर प्रकाश डाला व किसानों को कहा कि वातावरण की शुद्धता बरकरार रखने के लिए एकजुटता के साथ आगे आना चाहिए। उन्होंने किसानों को यह भी अपील की कि वे वातावरण व जमीन की उपजाऊ शक्ति बरकरार रखने के लिए आगे आएं, क्योंकि फसल के अवशेषों को आग लगाना मानवीय स्वास्थ्य के लिए बहुत खतरनाक है। इसके अलावा जमीन के अंदर के मित्र कीड़े भी मर जाते हैं, जो जमीन के उत्पादन में असर डालते हैं। उन्होंने बताया कि कृषि विभाग किसानों तक बुनियादी खादों, बीजों व अन्य वस्तुएं पहुंचाने के लिए वचनबद्ध है। मौजूदा युग में ग्रुप, सोसायटी बनाकर खेती करना लाभप्रद है ताकि महंगी आधुनिक मशीनों की खरीद कर किसान अच्छा मंडीकरण कर सके। किसान भूमि परीक्षण के आधार पर प्राप्त किए भूमि स्वास्थ्य कार्ड अनुसार ही खादों का प्रयोग करें। उन्होंने आत्मा योजना के अंतर्गत चल रही गतिविधियों के बारे में जानकारी भी दी। कृषि विज्ञान केंद्र बाहोवाल की ओर से वैज्ञानिकों की टीम ने खरीफ की मुख्य फसलों संबंधी विस्तार से जानकारी सांझी की व पानी की बचत के लिए किसान धान के लिए सीधी बिजाई को प्राथमिकता दें व माहिरों के लिए सुझाई खरीफ की फसलों के लिए नुकते खेत स्तर पर लागू कर खेती लागत के खर्चे कम कर मुनाफा बढ़ाने की अपील की। इस दौरान दपिंदर सिंह, सुभाष चंद्र, जसवीर सिंह, हरमनदीप सिंह, विनय कुमार, सुरिंदर सिंह, गगनदीप सिंह, नवदीप सिंह के अलावा अलग-अलग गांवों के किसान व विभागों के अधिकारी भी शामिल हुए।

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