नम आंखों से शौर्य चक्र विजेता को दी भावभीनी श्रद्धांजलि
पठानकोट,(बिट्टा काटल राजदार टाइम्स):
भारत के मान तथा धरती पर स्वर्ग कहलाने वाले कश्मीर में पाक प्रायोजित आतंकवादी गतिविधियों का मुंह तोड़ जवाब देते हुए तथा घाटी में अमन शांति की बहाली हेतु राष्ट्र के असंख्य रणबांकुरों ने अपने प्राणों की आहुतियां दी हैं। गांव पंगोली के अमर शहीद शौर्य चक्र विजेता कर्नल कंवर जयदीप सिंह सलारिया भी इन्हीं सूरमाओं में से एक थे, जिन्होंने 19 वर्ष पहले जम्मू-कश्मीर के नौशहरा सेक्टर में पाक प्रशिक्षित आतंकवादियों से लड़ते हुए अपना बलिदान देकर अपने साथी सैनिकों के प्राणों को बचाया था। शहीद की यूनिट 6 डोगरा की ओर से कर्नल कंवर जयदीप सलारिया का 19वां श्रद्धांजलि समारोह गांव पंगोली के पास डिफेंस रोड पर इनकी याद में बने शहीदी स्मारक पर यूनिट के कमाडिंग अफसर कर्नल अनादि सिंह की अध्यक्षता आयोजित हुआ। जिसमें शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष कर्नल सागर सिंह सलारिया बतौर मुख्य मेहमान शामिल हुए। इनके अलावा शहीद की भाभी शैलवाला, भतीजा विश्वदीप सिंह सलारिया, शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद के महासचिव कुंवर रविन्द्र सिंह विक्की, वीर चक्र विजेता कर्नल तीर्थ सिंह, कर्नल नसीब सिंह चौहान, शहीद नायक अजय सलारिया के पिता कैप्टन रछपाल सिंह, शहीद सिपाही मोहन सिंह चिब के भाई ठाकुर जीवन सिंह चिब, शहीद सिपाही मक्खन सिंह के पिता हंस राज,परिषद के प्रैस सचिव रणधीर सिंह बिट्टा काटल आदि ने विशेष मेहमान के तौर पर शामिल होकर शहीद को श्रद्धासुमन अर्पित किए। सर्वप्रथम मुख्यातिथि व अन्य मेहमानों ने शहीद कर्नल कंवर जयदीप सलारिया की समाधि पर रीथ चढ़ाकर उनकी शहादत को नमन किया तथा शहीद की यूनिट 6 डोगरा के जवानों ने शस्त्र उल्टे कर बिगुल की मातमी धुन के साथ शहीद को सलामी दी। उसके उपरांत आयोजित श्रद्धांजलि समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यातिथी कर्नल सागर सिंह सलारिया ने कहा कि शहीद कर्नल कंवर जयदीप सिंह सलारिया की अमूल्य शहादत क्षेत्र के युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत है। जिन्होंने 19 वर्ष पहले कश्मीर में पाक प्रशिक्षित आतंकियों से लोहा लेकर अदम्य साहस व शूरवीरता का परिचय देते हुए शहादत का जाम पीकर देश भक्ति की जोकि मशाल जलाई वह आज भी प्रज्जवलित होकर क्षेत्र के युवाओं में भारतीय सेना में भर्ती होकर राष्ट्र पर मर मिटने का जज्बा भर रही है। उन्होंने कहा कि किसी भी देश की नींव शहीदों के बलिदान पर टिकी होती है, अगर देशवासी दिल से इनका सम्मान करते हुए इनके परिजनों का मनोबल बढ़ाते रहें तो यह नींव और भी मजबूत बनी रहेगी। इस अवसर पर परिषद की ओर से शहीद के परिजनों सहित उनकी यूनिट के कमाडिंग अफसर को भी स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। इस मौके पर सूबेदार सुदर्शन सिंह, कैप्टन स्वर्ण सिंह, सूबेदार भरथ सिंह,सूबेदार दर्शन सिंह, कैप्टन सुभाष सलारिया, सूबेदार जगराज सिंह,सूबेदार भगवान दास,रणविंद्र सिंह बिट्टू, नायब सूबेदार सुदर्शन सिंह, हवलदार गुरदित सिंह, हवलदार तिलक राज,सूबेदार करनैल सिंह, जयपाल सिंह, सरताज सिंह, आदि उपस्थित थे।

बहादुरी, त्याग व बलिदान का दूसरा नाम है कर्नल जयदीप सलारिया : कुंवर विक्की
परिषद के महासचिव कुंवर रविंदर विक्की ने कहा कि बहादुरी, त्याग व बलिदान का दूसरा नाम है। कर्नल कंवर जयदीप सलारिया, जिन्होंने अपने अदम्य साहस व वीरता के दम पर दो बार शौर्य चक्र व एक बार सेना मेडल जैसे तीन वीरता पदक जीतकर जिले के प्रथम सैनिक होने का गौरव हासिल किया है। उन्होंने कहा कि कर्नल केजे सिंह आतंकियों के लिए काल थे, वह हर 10 दिन के बाद किसी न किसी आतंकी को मार गिराते थे और हर आप्रेशन में वह जवानों से आगे होकर मोर्चा संभालते थे। ऐसे रणबांकुरो के अनुपम बलिदान से 6 डोगरा युनिट के जवान हमेशा प्रेरणा लेते रहेंगे। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम का आयोजन कर शहीद की यूनिट ने यह साबित कर दिया है कि सेना ही सही मायनों में अपने शहीदों का दिल से सम्मान करती है।
परिषद ने जिन्दा रखा शहीद परिवारों का स्वाभिमान : कर्नल तीर्थ
कर्नल तीर्थ सिंह वीर चक्र ने कहा की जिस घर का चिराग राष्ट्र की बलीवेदी पर कुर्बान हो जाता है वो परिवार जिन्दा लाश बन कर रह जाता है, इन हालातों में शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद ने इन परिवारों को संभालते हुए उनके स्वाभिमान को जिन्दा रखा है। उन्होंने कहा कि परिषद पंजाब की एकमात्र ऐसी गैर राजनीतिक संस्था है। जिसके महासचिव कुंवर रविन्द्र विक्की को आर्मी कमांडर ने आर्मी डे पर कमंडेशन कार्ड से सम्मानित कर उनका मनोबल बढ़ाया है, यह सब हमारे लिये फक्र की बात है।

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