कोर्ट काम्पलेक्स में हुई बीजेपी लीगल सैल की हुई हंगामी बैठक
एडवोकेट चांदी बंधुओं पर की गई हैबोवाल पुलिस बर्बरता को दस दिन बीत जाने पर पुलिस प्रशासन चुप
सभी दोषी पुलिस कर्मियों पर सख्त धाराओं में मामला दर्ज करने और डिसमिस किए जाने की मांग
प्रदेश सरकार से पुलिस बर्बरता की ज्यूडिशियल इंक्वायरी करवाने की मांग
प्रदेश के माननीय गवर्नर साहब के समक्ष लगाएंगे न्याय की गुहार
लुधियाना, 25 नंवबर(शर्मा): हैबोवाल पुलिस की ओर एडवोकेट चांदी बंधुओं के साथ किए गए अमानवीय अत्याचार को लेकर दस दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस प्रशासन ने अभी तक दोषी हैबोवाल एसएचओ, एसएचओ सराभा नगर और अन्य पुलिस कर्मियों के खिलाफ मामला दर्ज नहीं किया है। पुलिस प्रशासन द्वारा एडवोकेट चांदी बंधुओं पर किए गए अमानवीय अत्याचार के लिए ऐसे पुलिस अधिकारियों पर की सिर्फ लाइन हाजिर करने की कार्रवाई नाकाफी है। बीजेपी लीगल एवं लेजिस्लेटिव सैल की मांग है कि दोषी पुलिस अधिकारियों को डिसमिस करके उनके खिलाफ सख्त धाराओं में मामला दर्ज किया जाना चाहिए और इसके लिए प्रदेश सरकार की ओर से इस मामले की निष्पक्ष ज्यूडिशियल जांच करवाई जानी चाहिए, ताकि दोषी पुलिस अधिकारियों और पुलिस कर्मियों को सख्त से सख्त सजा मिल सके। आगे से पुलिस प्रशासन किसी भी नागरिक के साथ बर्बरता पूर्ण अमानवीय व्यवहार न कर सके। यह बात बीजेपी लीगल एवं लेजिस्लेटिव सेल के जिला संयोजक एडवोकेट केजी शर्मा ने यहां पर कोर्ट काम्पलेक्स में आयोजित बैठक के दौरान कही। बीजेपी लीगल सैल के प्रदेश संयोजक सीनियर एडवोकेट एनके वर्मा भी कड़े शब्दों में एडवोकेट चांदी बंधुओं पर हुई पुलिस बर्बरता का पुरजोर विरोध कर चुके है।
बैठक के दौरान बीजेपी लीगल एवं लेजिस्लेटिव सैल के जिला संयोजक एडवोकेट केजी शर्मा ने कहा कि पुलिस प्रशासन का फर्ज आम जनता की जान और माल की रक्षा करना होता है, ना की किसी भी आम नागरिक के साथ इस तरह का अमानवीय बर्बरता पू्र्वक अत्याचार करना, जैसा हैबोवाल पुलिस ने एडवोकेट चांदी बंधुओं के साथ किया है। इस लिए पुलिस प्रशासन को बिना किसी देरी किए दोषी पुलिस वालों के खिलाफ सख्त धाराओं के तहत मामला दर्ज करके तत्काल डिसमिस कर देना चाहिए, ताकि एडवोकेट चांदी बंधुओं को न्याय मिल सके।
बैठक के दौरान एडवोकेट केजी शर्मा ने कहा कि प्रदेश में आम जनता को न्याय दिलाने वाला वकील समुदाय ही पुलिस की अमानवीय बर्बरता का बार बार शिकार हो रहा है और प्रदेश में वकीलों की जान ही सुरक्षित नहीं है। इस एक ही वर्ष 2020 में, ये दूसरी घटना है, जब लुधियाना में ही वकील समुदाय के साथ पुलिस ने अमानवीय बर्बरता की है। जबकि आए दिन प्रदेश के हर शहर कस्बे में ऐसी घटनाएं देखने को मिलती रहती है। कुछ भ्रष्टाचार में लिप्त नेता अपने स्वार्थ के लिए ऐसे गुण्डा तत्वों और भ्रष्टाचारी पुलिस अधिकारियों को शह देते है। जैसे ही इस तरह के अधिकारी किसी के साथ अमानवीय बर्बरता करते हैं, ये भ्रष्टाचारी नेताओं का जमघट ऐसे अधिकारियों को बचाने के लिए सक्रिय हो जाता है और जिसके साथ बर्बरता की गई होती, उसे डराना धमाकाना और प्रलोभन देना शुरू कर देता है। ऐसे भ्रष्टाचारी नेताओं को ऐसे गुण्डा तत्वों और भ्रष्टाचारी अधिकारियों को शह देना बंद कर देना चाहिए, अन्यथा वकील समुदाय और आम जनता ऐसे भ्रष्टाचारी नेताओं और अधिकारियों को सबक सिखाने के लिए पूरी तरह से सक्षम और तैयार है। एडवोकेट चांदी बंधुओं को न्याय दिलाने और दोषी पुलिस अधिकारियों को जेल पहुंचाने के लिए वकील समुदाय और जनता का संघर्ष लगातार जारी रहेगा। वकील समुदाय प्रदेश के माननीय गवर्नर साहब को बकायादा मिल कर न्याय की मांग उठाएगा। बैठक के दौरान नवीन शर्मा, संजीव सक्सेना, नितिन शर्मा, रोहित छा
बड़ा, कुणाल वोहरा, राजेश शर्मा, प्रदीप कपूर, रोबिन संधू, अभिषेक नारंग, पुनीत सरीन, मनन बेरी आदि सहित भारी गिनती में वकील विशेष रूप से उपस्थित थे।