कहा, कैप्टन अमरिंदर किसके दबाव में लगा रहे है मुझ पर झूठे आरोप
दिल्ली,2 दिसंबर(राजदार टाइम्स): कृषि कानूनों को लेकर एक तरफ किसानों का आंदोलन जारी है तो वहीं इस मुद्दे पर सियासत भी लगातार जारी है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पर भी निशाना साधा। वह आज यहं पर पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कैप्टन अमरिंदर किसके दबाव में उन पर झूठे आरोप लगा रहे हैं? कैप्टन भाजपा की बोली बोल रहे हैं, क्योंकि उनके परिवार पर ईडी के केस चल रहे हैं। कैप्टन अमरिंदर इन काले कानूनों को बनाने के लिए गठित कमेटी में शामिल थे, लेकिन उन्होंने इसका विरोध नहीं किया। केजरीवाल ने कहा कि तीनों काले कानून केंद्र सरकार के हैं। राष्ट्रपति के हस्ताक्षर होते ही ये काले कानून पूरे देश में लागू हो गए। इन बिलों को लागू करने या न करने का अधिकार राज्य सरकारों के पास नहीं है। अगर ये तीनों काले कानून राज्य सरकारों के अधिकार क्षेत्र में होते, तो देश भर के किसान अपने-अपने मुख्यमंत्रियों से मांग करते। चूंकि ये काले कानून केंद्र सरकार के हैं, इसलिए राज्य सरकारें इसे रोक नहीं सकती हैं। कैप्टन साहब के पास यह बिल रोकने के कई मौके आए थे। पंजाब के लोग पूछ रहे हैं कि तब कैप्टन साहब ने इन बिलों को क्यों नहीं रोका? आज से डेढ़ साल पहले 2019 में केंद्र सरकार ने यह तीनों काले कानून बनाने के लिए एक कमेटी बनाई थी। उस कमेटी में कौन था? उस कमेटी में कैप्टन साहब थे। पंजाब के लोग आपसे पूछ रहे हैं कि आपने उस कमेटी में इन काले कानूनों को क्यों नहीं रोका? आपने कमेटी में एक बार भी इन कानूनों का विरोध क्यों नहीं किया? आपने बाहर आकर लोगों को क्यों नहीं बताया कि केंद्र सरकार इतने खतरनाक कानून बनाने जा रही हैं। कैप्टन साहब, आपके पास एक नहीं, दो नहीं, तीन नहीं, इतने सारे मौके आए, जब आप इन बिल को रोकने सकते थे। आज पंजाब का किसान आपसे पूछ रहा है कि आपने यह बिल क्यों नहीं रोके?
एक प्रशन के उत्तर में उन्होंने कहा कि जब से उन्होंने दिल्ली के 9 स्टेडियम को जेल बनाने से रोका है। उस समय से केंद्र की भाजपा सरकार उनसे अधिक नाराज हो गई है। उन्होंने केंद्र सरकार से अपील की कि किसानों की सभी मांगे मानी जाएं और एमएसपी की गारंटी को कानून में डाला जाए। देश का किसान कड़ी ठंड की रात में आसमान के नीचे सो रहा है। यह सोच कर सारी रात नींद नहीं आती है। आज कोई भी देशभक्त यह देखकर चैन की नींद नहीं सो सकता है। उन्होंने कहा कि यह लड़ाई सिर्फ हमारे किसान भाइयों की नहीं है, बल्कि हम सब की लड़ाई है। जरा सोचिए, जो दो वक्त की रोटी हम खाते हैं, वह हमारे किसान भाइयों की मेहनत की उगाई हुई होती है। हम सब को इस लड़ाई में अपने किसान भाइयों का साथ देना है।

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