दिल्ली,7 दिसंबर(राजदार टाइम्स): कृषि सुधारों की बात करने वाली पार्टियां किस तरह अब किसानों को गुमराह करते हुए अपनी-अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने लगी हैं। यह शब्द केन्द्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहे। उन्होंने यूपीए सरकार के दौरान किये कृषि सुधारों, उनके नेताओं के बयान और चुनावी घोषणापत्र का हवाला दिया।
किसानों के भारत बंद के समर्थन में आने वाले विपक्षी दलों पर भाजपा ने कृषि सुधारों को लेकर शर्मनाक तरीके से दोहरा रवैया अपनाने का आरोप लगाया है। भाजपा के अनुसार कृषि सुधारों का विरोध करने वाले कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दल मात्र केन्द्र सरकार का विरोध करने के नाम पर किसानों के हितों के साथ खिलवाड़ कर रही हैं। कानून मंत्री ने प्रदर्शन कर रहे किसानों की मांग पर बोलने से बचते हुए कहा कि उनकी कुछ आपत्तियां हैं और सरकार से बातचीत चल रही है। सरकार की ओर से किसानों की आशंकाओं को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन कृषि सुधारों की बात करने वाले और समर्थन करने वाले दलों का इसके खिलाफ खड़े हो जाना ऐसी पार्टियों के शर्मनाक चेहरे और दोहरे रवैये को उजागर करता है।
रविशंकर प्रसाद के अनुसार किसान नेताओं ने अपने मंच पर राजनीतिक दलों के नहीं आने की हिदायत दी थी, लेकिन निहित स्वार्थों के कारण कांग्रेस व अन्य विपक्षी दल जबरन उसमें शामिल हो रही है। उनके अनुसार लोगों द्वारा खारिज कर दी गई और पंचायत से संसद तक हार रही पार्टियां अपना राजनीतिक अस्तित्व बचाने के लिए किसी भी आंदोलन में कूद पड़ती हैं।