आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि एलजी ने भारतीय जनता पार्टी के दबाव में आकर दिल्ली सरकार का फैसला पलटा है। उनके पास दिल्ली वालों का इलाज कराने के लिए कोई भी प्लान नहीं है। डॉ. महेश वर्मा की रिपोर्ट पर दिल्ली कैबिनेट ने दिल्ली सरकार के अस्पतालों को दिल्ली में रहने वाले लोगों के लिए सुरक्षित किया था। सांसद संजय सिंह ने एलजी अनिल बैजल द्वारा कोरोना महामारी को लेकर बुलाई गई सभी राजनीतिक दलों की बैठक में हिस्सा लिया। बैठक में उन्होंने एलजी द्वारा दिल्ली सरकार के फैसले को पलटने का मुद्दा प्रमुखता से उठाया और आपत्ति जताई।

आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि दिल्ली सरकार ने दिल्ली सरकार के अस्पतालों में सिर्फ दिल्ली के लोगों का इलाज कराने का फैसला लिया था, उस निर्णय के पीछे डाॅ. महेश वर्मा कमेटी की रिपोर्ट थी। जिसमें कहा गया है कि आने वाले दिनों में ज्यादा बेड की जरूरत पड़ेगी। बैठक में मैने एलजी महोदय से दिल्ली सरकार का फैसला पलटने पर पूछा कि क्या आपके पास कोई इंतजाम है, आपको कोई जानकारी है। आपने यह निर्णय कैसे लिया? आने वाले दिनों में जब बेड की जरूरत पड़ेगी, तो उसको कैसे पूरा करेंगे? इस पर उनके पास कोई जवाब नहीं था। इसका मतलब है कि साफतौर पर खट्टर और योगी की सरकार पूरी तरह से फेल हो चुकी है। उनकी स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी हैं। नोएडा, गाजियाबाद और गुड़गांव में केस बढ़ रहे हैं और उनके दबाव में भारतीय जनता पार्टी ने एलजी महोदय से यह फैसला करवाया है, क्योंकि उनके पास कोई जानकारी नहीं थी। एलजी महोदय से यह फैसला करवाया गया है। भाजपा ने यह फैसला करवाया है और दिल्ली की जनता का जीवन संकट में डालने का काम किया है।

संजय सिंह ने कहा कि पार्टी को बैठक में जो चर्चा हुई है, उसके बारे में बताएंगे और यह भी बात सामने रखेंगे कि जब 31 जुलाई तक 80 हजार बेड सिर्फ दिल्ली के लोगों के लिए जरूरत है और अगर आप सभी अस्पतालों को बाहर से आने वाले लोगों के लिए भी खोल रहे हैं, तो दो से ढाई लाख बेड की जरूरत पड़ सकती है। यह बात जब एनजी महोदय से पूछा, तो उनके पास कोई जवाब नहीं था, कोई सर्वे नहीं था, कोई रिपोर्ट नहीं थी, आप लोगों के जीवन के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं, यह बात मैं अपनी पार्टी और सरकार के सामने भी रखूंगा।

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