दिल्ली,22 नवंबर।
जलवायु परिवर्तन से लडऩे पर ध्यान दिया जाना बेहद जरूरी है। यह बात देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15वें जी-20 शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि हमने एलईडी लाइट को हर घर तक पहुंचाने का प्रास किया। जिससे कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन को 38 मिलियन टन प्रति वर्ष तक कम किया गया है। भारत सरकार ने जलवायु परिवर्तन के मसले पर कई महत्वपूर्ण काम किए हैं। सरकार ने उज्ज्वला योजना के माध्यम से आठ करोड़ से अधिक घरों को धुआं मुक्त रसोई प्रदान की है। सरकार ने एलईडी लाइट को आम जन मानस तक पहुंचाया है ताकि कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन कम हो। केन्द्र सरकार वर्ष 2022 से पहले 175 गीगाबाइट रिन्यूएबल एनर्जी का लक्ष्य हासिल कर लेंगे। सरकार वर्ष 2030 तक रिन्यूएबल एनर्जी को बढ़ाकर 450 गीगाबाइट तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। इस दिशा में काम हो रहा है।  
प्रधानमंत्री ने कहा कि पर्यावरण के प्रति उनकी सरकार की प्रतिबद्धता उनके पारंपरिक लोकाचार से प्रेरित है। भारत ने कम कार्बन उत्सर्जन और जलवायु के अनुकूल विकास कार्यों को अपनाया है। भारत पेरिस समझौते के लक्ष्यों को बखूबी पूरा कर रहा है। केन्द्र सरकार ने वर्ष 2030 तक 26 मिलियन हेक्टेयर भूमि को फिर से खेती के लायक बनाने का लक्ष्य लिया है। एक चक्रीय अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित कर रहे हैं। अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन सबसे तेजी से बढ़ते अंतरराष्ट्रीय संगठनों में से एक है। केन्द्र सरकार अरबों डॉलर जुटाने, हजारों हितधारकों को प्रशिक्षित करने और अक्षय ऊर्जा में अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देने की योजना बना रही हैं।

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