एसजीपीसी के जनरल इजलास में बीबी जगीर कौर ने लिफाफा कल्चर पर उठाए सवाल
हुई एसजीपीसी अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी से बहस
स्त्रक्कष्ट का गुरुद्वारा एक्ट संशोधन बिल मानने से इनकार
अमृतसर,(राजदार टाइम्स): शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा सोमवार को एक जनरल इजलास स्वर्ण मन्दिर परिसर में बने तेजा सिंह समुद्री हाल में बुलाया गया। जिसमें एसजीपीसी की पूर्व अध्यक्षा बीबी जगीर कौर ने एक बार फिर लिफाफा कल्चर पर सवाल खड़ा किया और मौजूदा अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी के बीच बहस भी छिड़ गई। याद रहे कि शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने पंजाब विधानसभा में पिछले दिनों पास किए गए गुरुद्वारा एक्ट 1925 संशोधन बिल मानने से इनकार कर कर दिया है। बिल के खिलाफ निर्णय लेने के लिए जनरल इजलास स्वर्ण मन्दिर परिसर में बने तेजा सिंह समुद्री हाल में बुलाया गया था। महासचिव गुरचरण सिंह ग्रेवाल ने शुरुआत में सभा को संबोधित किया। जिसके बाद मौजूदा अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने बोलना शुरू किया। एडवोकेट धामी ने कहा कि आज का इजलास इतिहास रचने जा रहा है। 1925 को एक्ट बनने से लेकर 1959 तक सिखों ने यत्न करने के बाद गुरुद्वारा एक्ट को मजबूत किया था। एडवोकेट धामी ने कहा कि गुरुद्वारा एक्ट 1925 में संशोधन करने के लिए स्त्रक्कष्ट सदस्यों की एक तिहाई सहमति चाहिए होती है। आज तक जितने भी मते पास किए गए और एक्ट में संशोधन किए गए, वे स्त्रक्कष्ट की मंजूरी से किए गए हैं। इस बार पंजाब सरकार सिखों के पूर्वजों के बलिदानों को दरकिनार कर जबरदस्ती इस एक्ट में संशोधन करना चाहती है। यह होने नहीं दिया जाएगा।
बीबी जगीर कौर तथा अध्यक्ष हरजिंदर धामी के बीच छिड़ी बहस
जनरल इजलास के दौरान एसजीपीसी की पूर्व अध्यक्षा बीबी जगीर कौर तथा मौजूदा अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी के बीच बहस छिड़ गई। बीबी जगीर कौर ने इस दौरान एसजीपीसी सदस्यों पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि पहले समय में एसजीपीसी इतनी मजबूत थी कि उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को अपना निर्णय बदलने पर मजबूर किया था। लेकिन अब ऐसा क्या हो गया है कि स्त्रक्कष्ट पंजाब सरकार के मता लाने पर चुप है। बीबी जगीर कौर ने एसजीपीसी में लिफाफा कल्चर पर भी चोट की। इसी दौरान बीबी जगीर कौर 2 मते लाना चाहती थी। जिस पर मौजूदा अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने उन्हें रोक दिया और कहा कि यह उनका अधिकार नहीं है। इसके बाद दोनों के बीच बहस छिड़ी। एसजीपीसी की तरफ से किए जा रहे लाइव को इस दौरान म्यूट भी कर दिया गया।
खानापूर्ति बताया मुख्यमंत्री भगवंत मान ने जनरल इजलास को
जनरल इजलास से पहले ही मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इसे एक खानापूर्ति बताया। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि सिखों की प्रमुख संस्था अब अपने आकाओं के हाथों की कठपुतली बनकर रह गई है। एसजीपीसी की मीटिंग केवल एक ढोंग है क्योंकि अकाली लीडरशिप की तरफ से पहले ही इस संबंध में फैसला किया जा चुका है।